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नकली नोट के आरोपियों की जमानत याचिका खारिज

हमें फॉलो करें नकली नोट के आरोपियों की जमानत याचिका खारिज
बालाघाट , शुक्रवार, 2 मार्च 2012 (07:50 IST)
नकली नोट मामले में आरोपी सीएमएस के कर्मचारी इंड्सइंड कंपनी के अधिकारी और खातेधारकों की जमानत याचिका गुरूवार को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने खारिज कर दी है। मामले में आरोपी मुकेश करकाड़े, मनोज धुर्वे, जितेन्द्र राय, रविकांत पारधी, कांती राणा, ज्ञानीराम राहंडाले को जमानत नहीं मिल सकी है।


जानकारी के मुताबिक नकली नोट मामले में गुरूवार को हुई सुनवाई में न्यायालय से सीएमस कंपनी के कर्मचारी मुकेश करकाड़े, मनोज धुर्वे, इंड्सइंड के अधिकारी, कैशियर जितेन्द्र राय, रविकांत पारधी फील्ड ऑफीसर व खातेधारक कांती राणा सहित आरोपी ज्ञानीराम राहंगडाले की जमानत नहीं हो पाई।


उल्लेखनीय है कि 17-18 फरवरी से शुरू हुई नकली नोट मामले की कार्रवाई में कोतवाली थाना पुलिस द्वारा 29 फरवरी तक लगातार आरोपियों से पूछताछ की गई। 29 फरवरी को कांती राणा और ज्ञानीराम राहंगडाले को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। नकली नोट मामले में सभी आरोपियों को गुरूवार को न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उनकी जमानत नहीं हो पाई।


अब तक जारी कार्रवाई-

पुलिस सूत्रों के मुताबिक नकली नोट मामले में पुलिस की कार्रवाई का क्रम थमा नहीं है। इधर पुलिस लगातार मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है। वहीं संबंधितों से जुड़े लोग उन्हें बचाने की कवायद में लगे हुए हैं। इसी कड़ी में गुरूवार को जमानत के लिए न्यायालय में सुनवाई थी।


ये था मामला-

सीएमएस के कर्मचारियों ने एसबीआई बैंक में इंड्सइंड कंपनी का पैसा जमा किया था। जिसमें 500 के 89 नकली नोट बरामद हुए। एसबीआई प्रबंधक ने मामले की शिकायत कोतवाली थाने में की। पुलिस ने शिकायत मिलने पर संबंधितों के कब्जे से नकली नोट बरामद कर आरोपियों के विरूद्घ अपराध पंजीबद्घ कर कार्रवाई शुरू की है।


कार्रवाई के चरण-

नकली नोट मामले में शुरू हुई कार्रवाई के पहले चरण में कोतवाली थाना पुलिस ने इंड्सइंड कंपनी के कैशियर जितेन्द्र राय तथा फील्ड ऑफीसर रविकांत पारधी को कार्रवाई के दायरे में लेकर पूछताछ की। आरोपियों की निशानदेही पर दो खातेधारकों कांती राणा और ज्ञानीराम को कार्रवाई में लिया है। इंड्सइंड कंपनी के अधिकारियों तथा खातेधारकों से पुलिस ने पूछताछ की। मामले में आरोपियों को न्यायालय में पेश कर पुलिस ने कार्रवाई तो तेज कर दी। लेकिन न्यायिक हिरासत में जेल गए आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया। इधर संबंधितों से जुड़े लोग उन्हें छुड़ाने कवायद कर रहे हैं। वहीं पुलिस की कार्रवाई का क्रम अभी थमा नहीं है।


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