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सोने के भाव शहर की जमीन

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देवास , बुधवार, 8 फ़रवरी 2012 (14:58 IST)
लोगों को यह कहते सुना जा सकता है कि इंदौर में घर खरीदना अब सपना होता जा रहा है। लेकिन फिलहाल तो यह कहावत देवास शहर पर भी प्रासंगिक हो रही है। 8-10 साल पहले जिन क्षेत्रों में लोग 50-60 रु. प्रति वर्गफुट में मकान खरीदना पसंद नहीं कर रहे थे, उन क्षेत्रों की जमीन आज सोने के भाव बिक रही है। खेती की भूमि भी अब रहवासी इलाकों में तब्दील हो रही है। लेकिन मध्यमवर्गीय लोगों के लिए एक आशियाना बनाने के लिए जीवनभर की कमाई भी पर्याप्त नहीं है। साथ ही शहर में किराए का मकान भी खोजना चुनौती बन गया है।


शहर में लोकेशन के हिसाब से कीमतें तय की जा रही हैं। प्रॉपर्टी व्यवसायियों के मुताबिक इंदौर रोड पर रहवासी क्षेत्र में 2 हजार से 2500 रु. प्रति वर्गफुट व कहीं-कहीं 3 हजार रु. वर्गफुट में प्लॉट बिक रहे हैं। जबकि यहीं पर व्यवसाय के लिए भूमि खरीदना हो तो 7 से 8 हजार रु. प्रति वर्गफुट दाम है। दूसरी ओर उज्जैन रोड, जहाँ कुछ समय पूर्व तक लोगों का रुझान कम था, वहाँ भी अब कीमतों में एकदम उछाल आया है। शहर से 6-7 किमी दूर उज्जैन रोड पर 700-800 रु. वर्गफुट में प्लाट बेचे जा रहे हैं। भोपाल रोड पर भी 800 से 1000 रु. वर्गफुट के दाम हो चुके हैं।


प्रापर्टी की कीमतों में पिछले आठ-10 सालों में कई गुना भाव बढ़े हैं। शहरी क्षेत्र के अंदर मकान बनाने का सपना तो आम व्यक्ति देख भी नहीं सकता। शहर के अंदर सिविल लाइंस, मोतीबंगला, कालानी बाग आदि क्षेत्रों में मकान व भूमि की कीमतों में यकायक बढ़ोतरी हुई है। कालानी बाग में 10-15 साल पहले 60 से 70 रु. प्रति वर्गफुट में भी प्लाट उपलब्ध हो जाते थे। आज यहाँ एक हजार से 7.5 हजार रु. वर्गफुट तक भाव हो गए हैं। यहाँ के सी सेक्टर में 8-10 साल पहले तक 70 रु. प्रति वर्गफुट तक में प्लॉट उपलब्ध थे, जो अब 1200 रु. प्रति वर्गफुट तक मिल रहे हैं। सिविल लाइंस क्षेत्र शहर की पॉश कॉलोनी के रूप में दर्ज है। यहाँ 2500 से 3000 रु. वर्गफुट तक कीमत हो चुकी है।


शहर में प्रॉपर्टी के दामों में अचानक उछाल आने के पीछे सबसे बड़ा कारण कॉलोनाइजरों को बताया जा रहा है। इंदौर में जमीन के बढ़ते भाव के बाद अब देवास शहर पर इनकी नजर गड़ी हुई है। यहाँ इंदौर सहित के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली तक के कॉलोनाइजर अपना धन लगा रहे हैं। खेती योग्य भूमि 55-60 लाख रुपए बीघा के हिसाब से खरीदकर प्लॉट काटकर मकान बनाए जा रहे हैं।


रहवासी जमीन की माँग के चलते किसान भी अब करोड़पति होते जा रहे हैं। एक कॉलोनाइजर ने हाल ही में 60 लाख रु. बीघा के हिसाब से जमीन खरीदी थी। अब यहाँ 1000-1200 रु. प्रति वर्गफुट में जमीन बेचकर तगड़ी कमाई की जा रही है। साथ ही छोटे आकार के मकान बनाकर 15 से 25 लाख रुपए तक में बेचे जा रहे हैं।


प्रॉपर्टी व्यवसायी सुभाष पंड्या का मानना है कि इंदौर से जुड़े होने के कारण देवास में मकान व जमीन की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। अन्य शहरों के लोग भी देवास में जमीन खरीदकर निवेश कर रहे हैं। अमूमन 12 से 15 लाख रुपए में बेहतर लोकेशन में घर नहीं मिल सकता। इन परिस्थितियों में आम व्यक्ति के लिए अपने सपनों का घर बनाना एक बड़ी चुनौती के समान है।


प्रॉपर्टी व्यवसाय से जुड़े लीलाधर चौधरी स्वीकार करते हैं कि अन्य शहरों से भी लोग अपना धन जमीन व मकान के धंधे में लगा रहे हैं। बैंक में जमा धन पर ब्याज अधिक नहीं मिलता, लेकिन जमीन की कीमतों में तो लाखों की कमाई 4-6 महीने में ही हो जाती है। यदि संबंधित कॉलोनाइजर ने जमीन खरीदकर सालभर तक नहीं बेची तो उसे लाखों का फायदा हो जाता है।


आम व्यक्ति की उम्मीद प्राधिकरण से होती है। प्राधिकरण ने न्यू देवास कॉलोनी के बाद कोई कॉलोनी नहीं काटी है। अब फिर से उम्मीद बन रही है। देवास विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शरद पाचुनकर का कहना है कि कॉलोनाइजरों द्वारा बढ़ाए गए दाम के कारण आम व्यक्ति की प्लाट खरीदने की हैसियत नहीं है। 15 से 25 लाख रुपए तक में तो जमीन ही उपलब्ध हो रही है। प्राधिकरण जल्द ही आम व्यक्ति के लिए 4 आवासीय कॉलोनियाँ काटने वाला है। इनमें से 3 कॉलोनी भोपाल रोड पर और 1 कॉलोनी रसलपुर बायपास पर होगी। वहाँ सस्ते मकान बनाकर दिए जाएँगे। श्री पाचुनकर के अनुसार शहर के अन्य स्थानों पर भी रिक्त शासकीय भूमि का निरीक्षण किया जा रहा है।


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