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डूब प्रभावितों को दिलाया ब्याज

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खंडवा , सोमवार, 28 नवंबर 2011 (01:44 IST)
चतुर्थ अपर जिला न्यायाधीश रमेश मावी ने पुरनी के डूब प्रभावित कृषक प्रहलादसिंह पिता जसवंतसिंह की रिफरेंस याचिका आंशिक रूप से स्वीकार कर परिवादी को तोषण तथा अवॉर्ड राशि पर ब्याज प्रदान करने के आदेश दिए।


याचिकाकर्ता ने पुरनी में स्थित दो भूखंड तथा एक सर्वसुविधा युक्त मकान का मुआवजा कम दर्शाते हुए अतिरिक्त मुआवजे की माँग की थी। कलेक्टर, भू-अर्जन अधिकारी, कार्यपालनयंत्री एनवीडीए और महाप्रबंधक एनएचडीसी के विरुद्घ प्रस्तुत याचिका में कहा वास्तविक विस्थापन वर्ष 2004 में हुआ जबकि आकलन 1999 की दर पर किया था। इस अवधि में 20 प्रतिशत वृद्घि हुई है। न्यायाधीश ने बढ़ी हुई दर की माँग निरस्त करते हुए कहा परिवादी यह प्रमाणित करने में असफल रहा कि मुआवजा कम मिला है। भवन मद में आवेदक ने सही स्थिति प्रकट नहीं की है। न्यायाधीश ने ब्याज भुगतान में विसंगति पाते हुए पूर्व में दिए गए तोषण 2 लाख 83 हजार 565 रुपए पर 29 नवंबर 02 से 13 मई 04 तक 12 प्रतिशत, इसके बाद 1 वर्ष तक 9 प्रतिशत तथा भुगतान तक 15 प्रतिशत ब्याज भुगतान के आदेश दिए। इसके अलावा अवॉर्ड राशि पर भी 2 माह का ब्याज दिलाया। आवेदक की ओर से प्राणेंद्र रांका और अनावेदकों की ओर से अश्विनी भाटे उपस्थित हुए।


खारिज की माँग

इसी अदालत ने कपिल मुनि की ओर से महंत रूपनारायण की रिफरेंस याचिका खारिज कर दी। याचिका में कहा गया था कि एखंड में खसरा नंबर 189 पर 230 वर्ग मीटर भूमि पर बने मकान का मूल्य 9.20 लाख रुपए से कम नहीं था। शासन ने संपत्ति अधिग्रहित कर कम मुआवजा दिया। न्यायाधीश ने कहा प्रमाणित नहीं होने से माँग निरस्त की जाती है।


खाद्य प्रसंस्करण पर कार्यशाला कल

खंडवा। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में स्थापित किए जा सकने वाले उद्योगों एवं स्वरोजगारों पर क्षेत्र के युवाओं, किसानों एवं उद्यमियों को जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन एमपीकॉन लिमिटेड द्वारा 29 नवंबर सुबह 10 बजे किया जाएगा।


जिला पंचायत सभागृह में आयोजित इस कार्यशाला में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए मप्र राज्य कृषि उद्योग निगम, उद्यानिकी विभाग, नाबार्ड, एपीडा तथा बैंकों आदि की योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की जाएगी। परियोजना समन्वयक युवराज शर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण में भाग लेने वाले व्यक्तियों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की संभावनाओं से संबंधित एक पुस्तक भी उपलब्ध करवाई जाएगी।


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