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सराफा अतिक्रमण की गिरफ्त में

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खरगोन , गुरुवार, 8 सितम्बर 2011 (22:55 IST)
शहर के मध्य स्थित सराफा बाजार लंबे अरसे से अस्थायी अतिक्रमण की चपेट में है। इस कारण सबसे ज्यादा परेशानी ग्राहकों और व्यापारियों को झेलना पड़ती है। इस समस्या के निराकरण के लिए कई बार यातायात पुलिस द्वारा प्रयास भी किए गए, परन्तु कभी रसूखदारों का दबाव, तो कभी राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते स्थायी निराकरण दूर की कौड़ी बना हुआ है। ऐसे में जबकि त्योहार शुरू हो चुके हैं सराफा बाजार में खरीदारी के लिए भीड़ बढ़ने लगी है, लेकिन ग्राहक अतिक्रमण से जूझ रहे हैं।


बाजार में भीड़ बढ़ने के कारण यातायात पुलिस और प्रशासन इस व्यवस्था को सुचारू करने में बेबस दिखाई दे रहा है। यह बाजार शहर का सबसे व्यस्ततम और करोड़ों के कारोबार से जुड़ा है। अब व्यापारियों के साथ ही नागरिक सराफा बाजार के अतिक्रमण से मुक्ति की राह तक रहे हैं।


ये है मूल समस्या

पुरानी बसाहट में बसे सराफा बाजार की मूल समस्या बेतरतीब खड़े दुपहिया वाहन, जहाँ-तहाँ खड़े हाथठेले और कभी भी इस तंग सड़क पर घुस आने वाले चार पहिया वाहन हैं। सबसे अधिक परेशानी गोल बिल्ंिडग क्षेत्र में बनती है। इस स्थान पर सब्जी, फल और अन्य सामग्री बेचने वाले ठेले जहाँ-तहाँ खड़े रहते हैं। साथ ही इसी क्षेत्र से बाकी माता मंदिर मार्ग पर स्थित बाजार को रास्ता जाता है। इस क्षेत्र के व्यापारी और ग्राहक भी गोल बिल्ंिडग क्षेत्र में वाहन खड़े कर देते हैं।


...और लग जाती है वाहनों की कतार

व्यापारी व समाजसेवी राधाकृष्ण महाजन ने बताया गोल बिल्ंिडग के पास वाले क्षेत्र में सबसे ज्यादा स्थिति बिगड़ती है। मनमर्जी से खड़े किए गए वाहन पूरे बाजार को प्रभावित करते है। साथ ही प्रभावशाली लोग चार पहिया वाहन से भी इस संकरे मार्ग पर प्रवेश कर जाते हैं। कुछ देर पहिए थमने से ही दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। इस अव्यवस्था से जहाँ नागरिक अस्थायी जाम में फँस जाते हैं, वहीं व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर व्यापार प्रभावित हो जाता है। कपड़ा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष द्वारकादास महाजन ने भी चार पहिया वाहनों को निर्धारित समय के लिए प्रतिबंधित करने की माँग की है। उन्होंने कहा कि यहाँ पुलिस का एक भी जवान तैनात नहीं रहता।


उपयोग न होने के कारण बंद हुआ निजी पार्किंग

सराफा बाजार की तंग गलियों से सटे रामेश्वर टॉकिज रोड पर निवास करने वाले तोमर दंपति ने महानगरों की तर्ज पर लगभग दो हजार वर्गफुट में 4 वर्ष पहले सुव्यवस्थित एवं सुरक्षित पार्किंग बनाया था। साथ ही यहाँ वाहन खड़े करवाने के लिए दुकानदारों से प्रत्यक्ष निवेदन करने के अलावा उन्होंने इसकी सूचना नगर पालिका और यातायात पुलिस को भी दी थी। परंतु लगातार 3 सालों तक प्रयास के बाद इसे बंद कर दिया गया। वहाँ अब रात्रि के दौरान फलों के हाथठेले खड़े होते है। कमलसिंह तोमर ने बताया कि असल में इस पार्किंग निर्माण में उनके इंजीनियर पुत्र की सोच यह थी कि इससे जहाँ एक ओर सराफा के हालात सुधरेंगे, वहीं दूसरी ओर परिवार की कुछ आय भी होगी। पर ऐसा नहीं हो सका।


भारी वाहनों का प्रवेश रुके

सराफा व्यवसायी गिरिराज महाजन की माने तो सराफा बाजार को व्यवस्थित करने के लिए यहांॅ घुसने वाले चार पहिया तथा माल वाहनों का सुबह 10 से लेकर रात 8 बजे तक प्रवेश निषेध किया जाना चाहिए। कपड़ा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री महाजन ने बताया सभी को एकमत होकर इस समस्या का स्थायी समाधान खोजना चाहिए।


सभी की मदद ली जाएगी

सराफा बाजार की यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए सभी की मदद ली जाएगी। व्यापारी व नगर पालिका प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर इस दिशा में प्रयास किए जाएँगे। - आनंदसिंह चौहान, प्रभारी यातायात थाना खरगोन


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