Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सहारे से मिला संबल

हमें फॉलो करें सहारे से मिला संबल
खरगोन , सोमवार, 6 फ़रवरी 2012 (01:00 IST)
शासन द्वारा लागू गाँव की बेटी योजना सैकड़ों परिवारों के लिए मरहम साबित हुई है। यही नहीं अपने गाँव में अव्वल आकर ये बेटियाँ परिवार के लिए शान और सहारा बनी हैं। कक्षा 12वीं में प्रथम आने पर गाँव से उत्तीर्ण इन छात्राओं को सालाना 5 हजार रुपए की छात्रवृत्ति मिल रही है। जिले में सात शासकीय कॉलेजों के अतिरिक्त तीन निजी तकनीकी कॉलेजों में लगभग ढाई हजार छात्राएँ उच्च शिक्षा हासिल करने के दौरान इस योजना का लाभ ले चुकी हैं। इन छात्राओं को लगभग 12 करोड़ 14 लाख 44 हजार 832 रुपए वितरित किए जा चुके हैं।


स्थानीय शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बीएससी अंतिम वर्ष की छात्रा पुष्पा साँवले के लिए यह छात्रवृत्ति बहुत मायने रखती है। बचपन में पिता को खो देने वाली पुष्पा की माँ अंजना बनिहार में छोटा-मोटा काम कर जीवन चला रही है। पुष्पा का कहना है कि प्रथम श्रेणी आने पर उसे प्रसन्नाता है। यह योजना नहीं होती तो परिवार को और अधिक परिश्रम करना पड़ता। बड़गाँव निवासी सुरेश कुशवाह भी अपनी बेटी के अव्वल आने पर खुश हैं। मात्र 4 हजार रुपए पगार पाने वाले श्रमिक श्री कुशवाह की बेटी अलका ने कक्षा 12वीं में 71 प्रतिशत अंक हासिल किए। बीएससी प्रथम वर्ष में अध्ययनरत अलका ने कहा कि छात्रवृत्ति मिलने से पढ़ाई का बोझ नहीं आएगा। मात्र चार एकड़ भूमि पर कृषि कर जीवनयापन करने वाले महम्मदपुर के प्रेमसिंह चौहान ने कहा कि इस योजना से उनकी बेटी मोनिका को पढ़ाई में काफी सहारा मिला है। वह बीएससी द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत है।


अधूरी पेंशन के साथ चुनौती

बीएससी अंतिम वर्ष की छात्रा श्रद्धा गुप्ता मामा के यहाँ रहकर पढ़ रही है। बमनाला निवासी श्रद्धा का कहना है कि उनके पिता त्रिलोकचंद गुप्ता सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। श्री गुप्ता ने बताया कि पेंशन का निराकरण पूरी तरह से नहीं हो पाया। ऐसे में बेटी को छात्रवृत्ति मिलने से सुखद अनुभूति है। जलगोन की बीए अंतिम वर्ष की छात्रा प्रतिभा सोलंकी के पिता रेवाराम सोलंकी शिक्षक हैं। सीमित आय वाले परिवार के लिए यह छात्रवृत्ति सहायक सिद्ध हुई। योजना प्रभारी प्रो. मंजीत अरोरा ने बताया कि गाँव में अध्ययनरत किसी भी वर्ग की छात्रा के कक्षा 12वीं में प्रथम श्रेणी हासिल करने पर योजना का लाभ मिलता है। छात्रा को महाविद्यालय के सभी शुल्क नियमानुसार जमा कराना होते हैं। आरक्षित वर्ग की छात्राएँ किसी एक छात्रवृत्ति योजना का लाभ लेने की पात्र होती है।


शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, खरगोन के प्राचार्य व नोडल अधिकारी डॉ. सुमित्रा वास्केल, ने कहा कि


योजना का विभिन्ना कॉलेजों में अध्ययनरत पात्र छात्राओं को लाभ मिल रहा है। वर्ष-12 में भी लगभग 200 छात्राओं को छात्रवृत्ति के लिए कार्रवाई की जा चुकी है। स्नातक पूरा करने तक यह छात्रवृत्ति देय होती है। इसमें निरंतर उत्तीर्ण होना आवश्यक है।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi