Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

स्वैच्छिक होने से घटी रुचि

हमें फॉलो करें स्वैच्छिक होने से घटी रुचि
खरगोन , गुरुवार, 8 मार्च 2012 (00:34 IST)
स्वास्थ्य एवं एकाग्रता को बढ़ावा देने के लिए वि'ार्थियों पर सूर्य नमस्कार का प्रयोग तब तक ही सफल रहा जब तक वह अनिवार्य था। स्वैच्छिक होते ही बड़ी संख्या में लोगों ने इससे तौबा कर ली। इन परिस्थितियों में यह कार्यक्रम प्रशासनिक होकर औपचारिक रह गया।


गिनीज बुक में रिकार्ड दर्ज करने की औपचारिकताओं में भी कथित खानापूर्ति कर दी गई। यह अनियमितताएँ धीरे-धीरे सामने आ रही हैं। खरगोन मुख्यालय पर ही करीब 10 हजार वि'ार्थी हैं, लेकिन कार्यक्रम में मात्र ढाई हजार बच्चों ने भाग लिया।


सूर्य नमस्कार आयोजन में स्वैच्छिक को आधार बनाते हुए कई शिक्षकों ने भी दूरी बना ली। प्रमुख आयोजन उत्कृष्ट वि'ालय मैदान पर हुआ। कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद हुए, परंतु कई अधिकारी भी इस व्यायाम से दूर ही रहे। मात्र तीन निजी संस्थाओं के कुछ वि'ार्थी ही शामिल हुए। उधर इस कार्यक्रम में उपयोग में आई टेंट सामग्री का भुगतान भी नहीं होने से विवाद गहरा गया है। अलग-अलग वि'ालयों में भी केवल खानापूर्ति हुई। इस पूरे मामले में तत्कालीन खेल अधिकारी बीएम आर्य का कहना है कि वि'ार्थियों में रुचि पैदा करना संबंधित संस्था की जवाबदारी है। सूर्य नमस्कार को सकारात्मक दृष्टि से लेना चाहिए। जनप्रतिनिधि रणजीतसिंह डंडीर का कहना है कि सूर्य नमस्कार को किसी पार्टी से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है। -निप्र


गंभीरता दिखाएँगे

यह आयोजन मेरे पदभार ग्रहण करने के पूर्व हुआ था। गिनीज बुक में रिकार्ड दर्ज करने के लिए क्या कार्रवाई हुई, तत्काल बताना मुश्किल है। इस आयोजन को लेकर भविष्य में और गंभीरता दिखाई जाएगी। - आरआर भंवर, जिला शिक्षा अधिकारी, खरगोन


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi