Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

रिश्तों की यह कैसी परीक्षा

अनुपमा के विश्वास की परीक्षा

हमें फॉलो करें रिश्तों की यह कैसी परीक्षा

गायत्री शर्मा

NDND
कहतहैं पति-पत्नी का साथ जन्म-जन्मांतर का साथ होता है। एक बार विवाह के बंधन में बँधने के बाद तन, मन और विचारों से स्त्री-पुरुष एक-दूसरे के हो जाते हैं।

उनमें अलगाव या छिपाने जैसी कोई बात ही नहीं रहती। पति अच्छा हो या बुरा हर हालात में पत्नी को उसकी सहचरिणी व अनुगामिनी बनकर सदैव उसका साथ निभाना पड़ता है।

इसके ठीक विपरीत पति के भी पत्नी के प्रति कुछ कर्तव्य होते हैं, जिन्हें आमतौर पर पति विस्मृत कर देता है। तभी तो पत्नी के चरित्र पर जरा भी संदेह होने पर वह उसे 'तलाक' के तमगे से नवाजता है या फिर अपने घर-परिवार व जिंदगी से बाहर निकालकर दर-दर की ठोकरें खाने को विवश कर देता है।

हमारे इस पुरुषप्रधान समाज में बहुत कम ऐसे किस्से सामने आते हैं, जिनमें पति सार्वजनिक रूप से यह कहे कि मेरी पत्नी बेकसूर है। वह एक अच्छी महिला, अच्छी पत्नी व अच्छी माँ है।

हाल ही में सुर्खियों में आया अभिनेता शाइनी आहूजा द्वारा अपनी नौकरानी के साथ बलात्कार का मामला कुछ ऐसा ही रोचक मामला है, जिसमें आधुनिक युग की सीता बनी (अनुपमा आहूजा) सरेआम अपने पति का बचाव कर रही है। परंतु विडंबना कि खूबसूरत व वाकपटु अनुपमा न्यूज चैनलों की टीआरपी में तो जबरदस्त उछाल लाई परंतु वास्तविकता का रहस्योद्घाटन पूरी तरह से नहीं कर पाई

  अनुपमा की बात शोषण का शिकार हो रहे पुरुषों के लिए तो जैसे खुशी की लहर बनकर आई है। आज अनुपमा, तो हो सकता है कल को कोई और शोषण का शिकार पुरुष अनुपमा की इस बात को दोहराए।      
आमने-सामने दोनों और महिलाएँ :
शाइनी आहूजा के मामले में पक्ष और विपक्ष दोनों में महिलाएँ ही हैं। एक महिला वह है, जो 18 वर्षीय नौकरानी है। वासना की भूख के कारण जिसके शरीर के साथ किए गए अत्याचार व दर्द की चीत्कार मीडिया के कानों में अब तक नहीं पहुँच पाई है।

वो शायद इसलिए क्योंकि इस बार बलात्कार की शिकार एक आम महिला है और बलात्कारी एक नामी-गिरामी अभिनेता। जिसके पास ना तो दौलत की कमी है और ना ही झूठे गवाहों की।

इसी महिला के सामने अपने पति की ढाल बनकर खड़ी है शाइनी आहूजा की पत्नी 'अनुपमा आहूजा', जो बार-बार कहती है कि 'मेरे पति तो इनोसेंट है।' इस मामले में अनुपमा ने इस मामले को नया तूल देते हुए कहा है कि ‘हो सकता मेरा पति उस नौकरानी के द्वारा शारीरिक शोषण का शिकार हुआ है।‘

अनुपमा ने कहीं भी यह बात नहीं कही कि दोनों पक्षों को सुना जाए। उस नौकरानी को भी सार्वजनिक तौर पर अपना पक्ष प्रस्तुत करने का मौका दिया जाए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।

अनुपमा की बात शोषण का शिकार हो रहे पुरुषों के लिए तो जैसे खुशी की लहर बनकर आई है। आज अनुपमा, तो हो सकता है कल को कोई और शोषण का शिकार पुरुष अनुपमा की इस बात को दोहराए। लेकिन क्या ग्लैमर इंडस्ट्री से जुड़े किसी अभिनेता के बारे में ऐसी जोर-जबरदस्ती व शोषण का शिकार होने की बात इतनी आसानी से आम आदमी के गले उतरेगी?

हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अनुपमा ने तो अपने पति का पक्ष बेहद सुनियोजित तरीके से हम सभी के सामने रख दिया है परंतु बलात्कार की शिकार उस लड़की से चर्चा करने या उसे जनता के सम्मुख अपना पक्ष प्रस्तुत करने संबंधी पहल न तो मीडियाकर्मियों ने की और न ही समाज के ठेकेदारों ने। मेरी तरह आप भी जरूर जानना चाहेंगे कि एक अभिनेता पर सरेआम बलात्कार का आरोप लगाने वाली उस महिला के तर्क आखिर क्या हैं?

हमारे समाज में रिश्तों की डोर किस तरह टूटते-टूटते फिर से जुड़ जाती है इसका उत्कृष्ठ उदाहरण है अनुपमा व शाइनी। ये दोनों ही आज हमारे लिए सबक का माध्यम बने हैं कि आज के दौर में किस तरह से व कितनी ईमानदारी से पति-पत्नी एक-दूसरे का साथ निभाते हैं।

क्या अनुपमा की अपने पति को बचाने की यह कोशिशें रंग लाएगी या फिर शाइनी पर आरोप लगाने वाली स्त्री अपने आरोपों को सच सिद्ध कर पाएगी, यह सब तो न्यायालय के फैसले पर ही निर्भर है क्योंकि आरोपी कितना सच बोल रहा है कितना झूठ, इसका फैसला होना अभी बाकी है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi