Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

ऑफिस में योग

हमें फॉलो करें ऑफिस में योग

अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'

ND
ऑफिस में कार्य करते हुए मन और शरीर दोनों पर प्रभाव पड़ता है। मन तनाव से ‍घिर जाता है तो शरीर में गर्दन, रीढ़, कंधे और आँखें अकड़न और दर्द का शिकार हो जाती हैं। तनाव जहाँ हमें कुंठा से ग्रस्त कर हमारे स्नायुतंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है वहीं सीट पर लगातार 9 से 10 घंटे बैठे रहने से गर्दन, कंधे और रीढ़ की हड्डी में अकड़न और दर्द पैदा हो जाता है।

दूसरी ओर लम्बी अवधि तक निरंतर कम्प्यूटर को देखते रहने के कारण उससे निकलने वाली हानिकर किरणें हमारी आँखों को कमजोर करती रहती हैं। लगातार तनाव बना रहने के कारण हम कुंठाग्रस्त तो ही जाते हैं साथ ही सिरदर्द, श्वास संबंधी रोग, कब्ज और अनावश्यक डर आदि का शिकार हो जाते हैं।

उक्त सारी शिकायतों के कारण हमारी कार्यक्षमता और व्यवहार में गिरावट आती रहती है। जबकि हमारे पास उक्त सारी मुश्किलों से निपटने का समय भी न हो तो ऐसे में योग के कुछ ऐसे उपाय अवश्य करें जिनको करते रहने से गंभीर रोगों से बचा जा सकता है।

सही मुद्रा में बैठें :
सर्वप्रथम आप ऑफिस चेयर्स पर सही मुद्रा में बैठना सीखें। आरामपूर्ण व सहज बैठने या खड़े रहने का सबसे अनिवार्य रूप से अभ्यास किया जाना चाहिए। अकसर हम सही मुद्रा में खड़े या बैठे नहीं रहने के कारण समस्याओं से घिर जाते हैं। इस कारण रीढ़ की हड्डी़, कंधे, गर्दन और आँखों में शिकायत का शिकार हो जाते हैं।

आँखें : जितनी पास देखते हैं उसे कहीं दूर देखने और पढ़ने का सहज क्रम जारी रखें अन्यथा दूर दृष्टि कमजोर होने लगेगी। सूक्ष्म योग अनुसार आगे और सीधे देखो। धीरे-धीरे आँखों की पुतलियों को दाएँ-बाएँ, ऊपर-नीचे और फिर गोल-गोल घुमाएँ। छत पर देखें, फर्श पर देखें। फिर दूर दीवार पर देखें। कम से कम 30 सेकंड के लिए आँखें बंद कर दें। ऐसा कम से कम पाँच बार करें तो आँखें रिफ्रेश होती रहेंगी।

गर्दन : गर्दन को आराम से दाएँ घुमाकर कुछ देर तक दाएँ ही रखें। फिर इसी तरह धीरे-धीरे बाएँ घुमाएँ। तत्पश्चात्य ऊपर और नीचे करें। 15 सेकंट तक ऊपर और 15 सेकंड तक नीचे रखें। फिर दाएँ से बाएँ गोल-गोल घुमाएँ फिर बाएँ से दाएँ गोल-गोल घुमाएँ। इसे ब्रह्म मुद्रा भी कहते हैं।

webdunia
ND
कंधे : कंधे की समस्याओं से अकसर लोग पीड़ित रहते हैं। उसका कारण है लगातार टाइपिंग करना या निरंतर माउस संचालित करते रहना। कंधे का महत्वपूर्ण जोड़ बॉल और साकेट होता है। अँगुलियों के पोरों को एक-दूसरे से मिलाते हुए उन्हें कंधे पर रखें। फिर कोहनियों को दाएँ से बाएँ और बाएँ से दाएँ घुमाएँ। ठीक इसके विपरीत भी।

रीढ़ : रीढ़ की हड्डी में लगातार दर्द बने रहने के कारण या इसकी निष्क्रियता से साँसों के रोग, क्रानिका, एम्फीजिमा, स्लिप्ड डिस्कसिण्ड्रोम, लम्बर स्पांडिलोसिस, आदि कई तरह के रोगों का जन्म हो सकता है।

रीढ़ की बीमारी से बचने के पहले सीधे खड़े हो जाएँ। हाथ नीचे स्वाभाविक स्थिति में रखें। इस स्थिति में हाथ कोहनी से मोड़े बगैर खिंचे हुए पीछे की और ले जाएँ। इसी के साथ गर्दन ऊपर उठाकर गहरी श्वास लें।

तनाव : ऑफिस में तनाव होने के कई कारण हो सकते हैं। तनाव से निजात पाने के लिए अनुलोम-विलोम का नियमित अभ्यास करें और नकारात्मक विचारों और भावों को अपने पास फटकने न दें। सिर्फ एक मिनट के ध्यान और प्राणायाम के छोटे से उपाय से शांति पाई जा सकती है।

अत्यधिक विचार, भीड़, शोर और प्रदूषण हमारे ‍मस्तिष्क की शांति को भंग करते हैं। अशांत और बेचैन रहने की भी आदत हो जाती है। उक्त आदतों से सिर्फ ध्यान और प्राणायाम ही छुटकारा दिला सकता है।

इन्हें भी देंखे:-
योग और आपका ऑफिस
कंप्यूटर और योग
शांति की तलाश
रिफ्रेश योगा

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi