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षडाष्टक योग: पिता-पुत्र पर रहेगा भारी

राशियों पर प्रभाव

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- नीरज चतुर्वेदी

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बुधवार, 14 अप्रैल से शुरू होने वाला षडाष्टक योग पिता-पुत्र पर भारी रहने वाला है। यह योग 14 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 57 मिनट से सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश करेगा। सूर्य का मेष राशि में 14 मई तक संचरण रहेगा। इसी दिन से सूर्य-शनि का षडाष्टक योग प्रारंभ हो जाएगा।

ज्योतिषी जी.एम. हिंगे के अनुसार वर्तमान में शनि कन्या राशि में चल रहा है और सूर्य मेष राशि का उच्च का होगा। सूर्य से शनि छटा तथा शनि से सूर्य आठवाँ होगा। इस प्रकार सूर्य, शनि यानी पिता-पुत्र का षडाष्टक योग का प्रभाव आम जनमानस पर भी पड़ेगा।

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इस योग से पिता-पुत्र में आपसी वैमनस्यता, झगड़े, विचारों का मतभेद उत्पन्न करेगा। यह प्रभाव 14 मई तक चलेगा। षडाष्टक योग से मुख्यतः मेष, कन्या, कुंभ और वृश्चिक राशि पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। एक माह तक चलने वाले इस योग में खासतौर पर पिता-पुत्र के संबंधों पर असर पड़ेगा।

इस षडाष्टक योग से जातकों को सुख व पिता का स्थान पर असर अधिक रहेगा। उपरोक्त राशि वाले जातकों को नौकरी में बाधा के साथ व्यापार में हानि के साथ कई प्रकार के नुकसान उठाने पड़ेंगे।

दान करने से कष्ट होगा दूर :- षडाष्टक योग से बचने के लिए लोगों का दान-पुण्य करना चाहिए। हिंगे के अनुसार सूर्य को अर्घ्य दें, सूर्य चालीसा और सूर्य अष्टक का पाठ करें, वहीं सोना, ताँबा, माणिक रत्न, गेहूँ, गु़ड, मेहरून वस्त्र, लाल गाय, लाल फूल का दान करने से यह कष्ट दूर हो जाएगा। यह सभी दान रविवार के दिन करना चाहिए।

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