श्री अष्ट भैरव : भैरव के 8 रूप देते हैं मनचाहा वरदान

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श्री भैरव के अनेक रूप हैं जिसमें प्रमुख रूप से बटुक भैरव, महाकाल भैरव तथा स्वर्णाकर्षण भैरव प्रमुख हैं। जिस भैरव की पूजा करें उसी रूप के नाम का उच्चारण होना चाहिए। सभी भैरवों में बटुक भैरव उपासना का अधिक प्रचलन है। तांत्रिक ग्रंथों में अष्ट भैरव के नामों की प्रसिद्धि है। वे इस प्रकार हैं- 
1. असितांग भैरव, 
2. चंड भैरव, 
3. रूरू भैरव,
4. क्रोध भैरव, 
5. उन्मत्त भैरव, 
6. कपाल भैरव, 
7. भीषण भैरव 
8. संहार भैरव। 
 
 
रविवार, बुधवार या भैरव अष्टमी पर इन 8 नामों का उच्चारण करने से मनचाहा वरदान मिलता है। भैरव देवता शीघ्र प्रसन्न होते हैं और हर तरह की सिद्धि प्रदान करते हैं। क्षेत्रपाल व दण्डपाणि के नाम से भी इन्हें जाना जाता है। 

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