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23 दिसंबर तक रहेगा पंचक, भूल से भी न करें यह काम...

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आचार्य डॉ. संजय

इस बार 16 दिसंबर, बुधवार की दोपहर 1.13 बजे से पंचक शुरू हो गया है, जो 23 दिसंबर, बुधवार  की शाम 6.35 बजे तक रहेगा।


 

भारतीय ज्योतिष में पंचक को अशुभ समय माना गया है इसलिए इस  दौरान कुछ कार्य विशेष करने की मनाही है। इस समय घर की छत व पलंग (फर्नीचर) बनवाना, ईंधन  (जलाने के लिए लकड़ी) इकट्ठा करने, दक्षिण दिशा में यात्रा करने इत्यादि को अशुभ माना गया है। 

आगे पढें क्या हैं पंचक के अशुभ प्रभाव.... 
 
 

जानिए पंचक के अशुभ प्रभाव : 
 
* धनिष्ठा नक्षत्र में आग लगने का भय रहता है।
 
* शतभिषा नक्षत्र में वाद-विवाद होने के योग बनते हैं।
 
* पूर्वा भाद्रपद रोगकारक नक्षत्र है यानी इस नक्षत्र में बीमारी होने की आशंका सबसे अधिक होती है।
 
* उत्तरा भाद्रपद में धनहानि के योग बनते हैं।
 
* रेवती नक्षत्र में नुकसान व मानसिक तनाव होने की आशंका होती है।
 

पंचक में न करें यह कार्य... 

 

पंचक में भूल कर भी न करें ये काम : 
 
* पंचक में चारपाई/ पलंग/ खाट या शयन हेतु कोई भी फर्नीचर बनवाना अशुभ माना जाता है। विद्वानों  के अनुसार ऐसा करने से कोई बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।
 
* पंचक के दौरान जिस समय घनिष्ठा नक्षत्र हो उस समय घास, लकड़ी आदि जलने वाली वस्तुएं इकट्ठी  नहीं करना चाहिए, इससे आग लगने का भय रहता है।
 
* पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि दक्षिण दिशा, यम की दिशा मानी गई  है। इन नक्षत्रों में दक्षिण दिशा की यात्रा करना हानिकारक माना गया है।
 
* पंचक के दौरान जब रेवती नक्षत्र चल रहा हो, उस समय घर की छत नहीं बनाना चाहिए, ऐसा विद्वानों  का कहना है। इससे धनहानि और घर में क्लेश होता है।

 


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