Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

वट सावित्री पूर्णिमा पर क्यों करते हैं वट वृक्ष का पूजन, जानें 13 खास बातें

हमें फॉलो करें वट सावित्री पूर्णिमा पर क्यों करते हैं वट वृक्ष का पूजन, जानें 13 खास बातें
भारतीय संस्कृति में 'वट सावित्री पूर्णिमा' व्रत आदर्श नारीत्व का प्रतीक बन चुका है। वट सावित्री में 'वट' और 'सावित्री' दोनों का विशिष्ट महत्व माना गया है। 
 
पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला यह व्रत सौभाग्य और संतान प्राप्ति में सहायता देने वाला माना गया है। यह व्रत सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य देता है। 
 
आइए जानें वट सावित्री पूर्णिमा पर पूजे जाने वाले वट वृक्ष के बारे में 13 खास बातें : 
 
* वट सावित्री में स्त्रियों द्वारा वट यानी बरगद की पूजा की जाती है। 
 
* पुराणों में यह स्पष्ट किया गया है कि वट में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों का वास है। 
 
* वट पूजा से जुड़े धार्मिक, वैज्ञानिक और व्यावहारिक पहलू हैं। 
 
* वट वृक्ष ज्ञान व निर्माण का प्रतीक है। 
 
* भगवान बुद्ध को इसी वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था। 
 
* वट एक विशाल वृक्ष होता है, जो पर्यावरण की दृष्टि से एक प्रमुख वृक्ष है, क्योंकि इस वृक्ष पर अनेक जीवों और पक्षियों का जीवन निर्भर रहता है। 
 
* वट वृक्ष की हवा को शुद्ध करने और मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति में भी भूमिका होती है। 
 
* दार्शनिक दृष्टि से देखें तो वट वृक्ष दीर्घायु व अमरत्व के बोध के नाते भी स्वीकार किया जाता है। 
 
* इसके नीचे बैठकर पूजन, व्रत कथा आदि सुनने से मनोकामना पूरी होती है। 
 
* वट वृक्ष का पूजन और सावित्री-सत्यवान की कथा का स्मरण करने के विधान के कारण ही यह व्रत वट सावित्री के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
 
* धार्मिक मान्यता है कि वट वृक्ष की पूजा लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य देने के साथ ही हर तरह के कलह और संताप मिटाने वाली होती है। 
 
* प्राचीनकाल में मानव ईंधन और आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए लकड़ियों पर निर्भर रहता था, किंतु बारिश का मौसम पेड़-पौधों के फलने-फूलने के लिए सबसे अच्छा समय होता है। साथ ही अनेक प्रकार के जहरीले जीव-जंतु भी जंगल में घूमते हैं। 
 
* इसलिए मानव जीवन की रक्षा और वर्षाकाल में वृक्षों को कटाई से बचाने के लिए ऐसे व्रत विधान धर्म के साथ जोड़े गए, ताकि वृक्ष भी फले-फूलें और उनसे जुड़ी जरूरतों की अधिक समय तक पूर्ति होती रहे।
 
 इस व्रत के व्यावहारिक और वैज्ञानिक पहलू पर गौर करें तो इस व्रत की सार्थकता दिखाई देती है। अत: वट वृक्ष का पूजन सर्वथा लाभदायी माना गया है।

 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

वट सावित्री पूर्णिमा व्रत : हर मनोकामना होगी पूरी, यह पूजा है जरूरी