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शनिश्चरी अमावस्या : शनि के पूजन की सिद्ध विधि

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आचार्य डॉ. संजय

शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या को 'शनिचरी अमावस्या' कहा जाता है। इस दिन का विशेष महत्व बताया गया है, परंतु इस दिन शनिदेव का पूजन विधि-विधान से करना चाहिए। यदि सिद्ध विधि से पूजा की जाए तो अवश्य ही लाभ मिलता है। 

 

 
आगे पढ़ें कैसे की जाए शनिदेव की पूजा? 


 





 

आइए जानते हैं कि कैसे की जाए शनिदेव की पूजा? 

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शनिवार की सुबह स्नान आदि नित्य कर्मों से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद काले पत्थर से बनी शनिदेव की प्रतिमा के सामने निम्न शनि मंत्र का जप करें।
 
शनि मंत्र- 'ॐ शं शनैश्चराय नम:।'
 
इस मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें। मंत्र जप के समय शनिदेव को तेल अर्पित करते रहना चाहिए। इसके बाद तेल के दीपक से आरती करें और सुख-समृद्धि की कामना करें।


 

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