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कब-कब मार गिराए गए थे यात्री विमान

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यूक्रेन के आसमान में मलेशिया के यात्री विमान को मिसाइल से मार गिराए जाने की आशंका ने पहले हुए ऐसे ही दुर्भाग्यपूर्ण हादसों की यादें ताज़ा कर दी हैं। इससे पहले पांच बार यात्री विमानों को मार गिराया गया है। एक नज़र ऐसे ही हादसों पर।

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साइबेरियन एयरलाइंस की उड़ान संख्या 1812, अक्टूबर 2001 : चार अक्टूबर 2001 को साइबेरियन एयरलाइंस का एक विमान इसराइल के तेल अवीव से रूस के नोवोसिबिर्स्क के लिए उड़ान भर रहा था। इस विमान को मार गिराया गया। विमान काले सागर में गिरा था। विमान में सवार सभी 78 लोग मारे गए।

शुरुआत में यूक्रेन की सेना ने इस हादसे में अपनी भूमिका से इनकार किया। हालांकि बाद में यूक्रेन ने स्वीकार किया कि उसकी सेना ने युद्धाभ्यास के दौरान ग़लती से विमान को निशाना बना लिया था।

ईरान एयर की उड़ान संख्या 655, जुलाई 1988 : तीन जुलाई 1988 को ईरान एयर के दुबई जा रहे एयरबस ए300 विमान को खाड़ी हवाई क्षेत्र के ऊपर एफ-14 लड़ाकू विमान समझकर मार गिराया गया। साल 1979 में ईरानी क्रांति से पहले एफ-14 लड़ाकू विमान ईरान को बेचा गया था।

अमेरिकी युद्धपोत यूएसएस विंसेन्नेस ने ईरान के इस विमान पर दो मिसाइलें दागी थीं। विमान में सवार सभी 290 यात्री और चालक दल के सदस्य मारे गए थे।

ईरान ने इस हादसे को 'आपराधिक कार्रवाई', 'ज़ुल्म' और 'नरसंहार' कहकर इसकी आलोचना की थी जबकि अमेरिका लगातार ज़ोर देता रहा कि यह भूलवश हुआ था। 1996 में ईरान ने अमेरिका के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मामला शुरू किया था। बाद में अमेरिका ने मारे गए लोगों के परिवार वालों को हर्जाना दिया था।

कोरियन एयरलाइंस की उड़ान संख्या 007, सितंबर 1983 : न्यूयॉर्क से सोल जा रहे कोरियन एयरलाइंस के यात्री विमान को 1 सितंबर 1983 को सोवियत संघ के एक लड़ाकू विमान ने मार गिराया था। विमान में सवार सभी 269 लोग और चालक दल के सदस्य मारे गए थे।

ये विमान अपना रास्ता बदलकर सोवियत संघ के हवाई क्षेत्र में घुस गया था। सोवियत संघ के नेताओं ने शुरुआत में हादसे के बारे में जानकारी होने से इनकार किया था। बाद में विमान को गिराने में भूमिका स्वीकारते हुए कहा गया कि मारा गया विमान जासूसी कर चुका था।

लीबियन अरब एयरलाइंस की उड़ान संख्या 114, फ़रवरी 1973 : इसराइल के लड़ाकू विमानों ने लीबियन एयरलाइंस का बोइंग 727-200 विमान मिस्र के सिनाई रेगिस्तान के ऊपर 21 फ़रवरी 1973 को मार गिराया था।

माना जाता है कि ख़राब मौसम और उपकरण ख़राब होने के कारण पायलट उत्तरी मिस्र के ऊपर रास्ता भटक गए थे और इसराइल के नियंत्रण वाले हवाई क्षेत्र में दाख़िल हो गए थे।

इसराइली लड़ाकू विमानों ने पहले चेतावनी शॉट फ़ायर किए और विमान को उतरने के सिग्नल दिए। बाद में दो लड़ाकू विमानों ने यात्री विमान को मार गिराया। इस हादसे में विमान में सवार 113 लोगों में से सिर्फ़ पांच ही बच पाए थे।

कैथे पैसिफ़िक एयरवेज़ की उड़ान संख्या सी-54, जुलाई 1954 : कैथे पैसिफ़िक एयरवेज़ का सी-54 स्काईमास्टर विमान बैंकॉक से हांगकांग के लिए 23 जुलाई 1954 को उड़ान भर रहा था।

हैनान द्वीप के तटीय इलाक़े में चीनी लड़ाकू विमान ने इसे मार गिराया। विमान पर सवार 19 यात्रियों में से दस मारे गए। चीन ने कहा था कि उसने विमान को हमलावर अभियान पर आया सैन्य विमान समझ लिया था।

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