Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

भोपाल में किन्नर कार्निवाल

हमें फॉलो करें भोपाल में किन्नर कार्निवाल
, गुरुवार, 14 अगस्त 2014 (16:01 IST)
BBC
सिर पर भुजरिया उठाए हुए किन्नरों की यह तस्वीर भोपाल की है, जहां हर साल राखी के दो दिन बाद भुजरिया पर्व मनाया जाता है।
webdunia
BBC

किंवदंती है कि भोपाल में राजा भोज के शासन में जब सूखा और अकाल पड़ा तो ज्योतिषाचार्य ने अकाल से मुक्ति पाने के लिए राजा भोज से किन्नरों को भुजरिया करने का आग्रह करने को कहा, तभी से यह परंपरा भोपाल में चली आ रही है।
webdunia
BBC

भुजरिया की तैयारी राखी से करीब 12 दिन पहले से की जाने लगती है। गेहूं के दानों को छोटे-छोटे पात्रों के अंदर मिट्टी में अंकुरित होने के लिए रख दिया जाता है। ये हरे पौधे शांति और समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं।
webdunia
BBC

भोपाल शहर के बुधवाड़ा किन्नर घराने से यह कारवां शुरू होता है और शहर के तालाब के पास मंदिर तक चलता है। शहर की सड़कों से गुजरने वाले इस जुलूस में सारंगी और ढोलक की थाप पर मंगल गीतों पर झूमते हुए किन्नरों की टोलियां जब निकलती हैं तो लोग देखते रह जाते हैं।
webdunia
FILE

परंपरागत शैली के पहनावे के साथ-साथ अब आधुनिकता का रंग भी इस पर चढ़ गया है। जहां एक और साड़ी दिखती है वहीं दूसरी तरफ पाश्चात्य शैली के ड्रेस को भी तरजीह दी जाने लगी है। फैशन का रंग किन्नरों पर भी साफ नजर आने लगा है।
webdunia
BBC

साल में एक बार होने वाले इस त्योहार पर खुद को आकर्षक दिखाने की होड़ में किन्नर कपड़े और सौंदर्य प्रसाधनों पर हजारों रुपए खर्च करते हैं। किन्नरों के आशीर्वाद की मान्यता के चलते लोग भुजरिया लेना शुभ मानते हैं।
webdunia
BBC

मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र के साथ देश के अन्य हिस्सों से सैकड़ों किन्नर हर साल इस पर्व में शामिल होने के लिए भोपाल पहुंचते हैं।

(सभी तस्वीरें: जफर मुल्तानी)

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi