Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

मोदी की आबे से दोस्ती चीन के लिए ख़तरा!

हमें फॉलो करें मोदी की आबे से दोस्ती चीन के लिए ख़तरा!
, शनिवार, 30 अगस्त 2014 (14:15 IST)
BBC
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान यात्रा ओसाका पहुंचे। इस यात्रा से काफ़ी अपेक्षाएं हैं। जापान की सोका यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर मुकेश विलियम्स का कहना है कि इस दौरे में मोदी को सफलता ज़रूर मिलेगी, लेकिन उतनी नहीं होगी, जितनी मीडिया सोच रहा है। पढ़िए प्रो. विलियम्स के विचार...

मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे दोनों ही दक्षिणपंथी प्रधानमंत्री हैं, जिनकी दोस्ती पुरानी है। मगर इससे फ़ायदा जरूर होगा। लेकिन दोनों देशों में चिंता बनी हुई है कि ये दोनों नेता अपने देश को जंग और संघर्ष के रास्ते पर तो नहीं ले जाएंगे। यह एक समस्या है।

जापान दौरे से पहले नरेंद्र मोदी ने जापानी भाषा में आठ ट्वीट किए थे। इनमें कहा गया है कि मोदी आबे के नेतृत्व से बहुत प्रभावित हैं। वह जापान के मेहमानवाज़ी से और भी ज़्यादा प्रभावित हैं। मोदी दो साल पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के बतौर जापान दौरे पर गए थे।
webdunia
BBC

परमाणु समझौते का मुद्दा : जहां तक जापान के साथ परमाणु समझौते की बात है, इसे लेकर जापान में काफ़ी नापसंदगी है और जापान के गठबंधन वाली पार्टी कोमितो परमाणु ऊर्जा के ख़िलाफ़ है। जापान के आम लोग परमाणु ऊर्जा नहीं चाहते।

जापान में साल 2011 में फुकुशिमा में होने वाली परमाणु दुर्घटना के प्रभाव से चिंता अभी तक बनी हुई है। भारत शक्ति संतुलन के सिद्धांत में विश्वास रखता है। जापान और भारत के बीच बनी इस खाई को पाटना दोनों देशों के लिए ख़ासा मुश्किल होगा। देखना होगा कि नरेंद्र मोदी इस मसले पर क्या करते हैं। भारत और जापान के बीच परमाणु समझौता अगले हफ़्ते तो नहीं होगा। इसमें वक़्त लगेगा।

मोदी-आबे की दोस्ती : जहां तक क्षेत्र में चीन के दबदबे की बात है, दोनों देशों में यह महसूस हो रहा है। जापान में तो बहुत हो रहा है। चीन के लिए मोदी-आबे की दोस्ती ख़तरे से खाली नहीं है। जापान को फ़ायदा जरूर होगा हिंदुस्तान से। ऐसा लगता है कि मोदी इस बात पर ज़्यादा जोर देंगे।
webdunia
BBC

जहां तक अर्थव्यवस्था का सवाल है इस समय जापानी अर्थव्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है। भारत की अर्थव्यस्था भी अच्छी नहीं है और जापान उस स्थिति में नहीं है, जिस स्थिति में वह दस साल पहले हुआ करता था। मोदी को इस दौरे में सफलता जरूर मिलेगी, लेकिन उतनी ज़्यादा नहीं होगी, जितनी मीडिया सोच रहा है।

क्या मिलेगा भारत को? : जापान की कंपनियाँ बड़ी तादात में भारत में कारोबार कर रही हैं, लेकिन शायद भारतीय कंपनियाँ जापान में कारोबार के लाभों को नहीं भुना पा रही हैं। जापान में कई भारतीय तकनीकी कंपनियां हैं। यहां पर वो व्यवसाय नहीं कर पा रही हैं, क्योंकि वो हाई एंड कारोबार करना चाहते हैं और लो एंड कारोबार चीन को चला जाता है।

जापान कहता है कि वो भारत के साथ अच्छा कारोबार कर रहा है, लेकिन भारत कहता है कि वो तो कुछ भी नहीं कर रहा है। तो दोनों देशों के बीच अपेक्षाओं का एक असंतुलन है।

नौसेना के आधुनिकीकरण में जापान, भारत की मदद कर सकता है। जापान में इस संबंध में क़ानून पास हो गया है तो जापान भारत को निर्यात कर सकता है। लेकिन जहां तक परमाणु ऊर्जा और निवेश की बात है तो जैसा चल रहा है वैसे ही चलता रहेगा।

(बीबीसी संवाददाता विनीत खरे से बातचीत पर आधारित)

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi