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भारत-अमेरिका वार्ता की 10 मुख्य बातें

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, बुधवार, 1 अक्टूबर 2014 (13:01 IST)
भारत और अमेरिका की वार्ता के बाद संयुक्त बयान में रक्षा क्षेत्र, परमाणु सहयोग, मुंबई हमलों के संदर्भ में पाकिस्तान, स्मार्ट सिटी के विकास में सहयोग अहम हैं।

दोनों देशों ने रक्षा के क्षेत्र में अमेरिका-भारत सहयोग को 10 साल बढ़ाने, भारत की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी और तीन स्मार्ट सिटी बनाने में अमेरिकी सहयोग, पाकिस्तान से मुंबई हमलों को दोषियों को सजा दिलाने, भारत को न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में दाखिल करने की बात कही गई है।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत की थी।

संयुक्त बयान की 10 खास बातें:-
* दोनों देश इंडो-यूएस इनवेस्टमेंट इनिशिएटिव फंड यानी पूंजी निवेश के लिए फंड की स्थापना करेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य वित्तीय बाजार विकास और बुनियादी संरचना का वित्त पोषण होगा।
* भारत की बुनियादी संरचना विकास के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर कोलैबरेशन प्लेटफार्म की स्थापना की जाएगी।
* अजमेर (राजस्थान), विशाखापत्तनम (आंध्रप्रदेश) और इलाहाबाद (उत्तरप्रदेश) को स्मार्ट सिटी बनाने में अमरीकी कंपनियों को आमंत्रित करने का अमरीका ने स्वागत किया है।
* अमेरिकी सहायता एजेंसी यूएसएड भारत में पीने के स्वच्छ पानी, शौचालय और स्वास्थ्य के मिशन को पूरा करने के अपने अनुभव साझा करेगा।
* नरेंद्र मोदी और बराक ओबामा ने विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) में जारी गतिरोध पर भी चर्चा की। दोनों नेताओं ने अपने अधिकारियों से अगले चरण के लिए डब्लूटीओ के अन्य सदस्यों से बातचीत करने का निर्देश दिया।
* दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को पूरी तरह लागू करने और न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत को दाखिल करने पर जोर दिया।
* भारत-अमेरिका ऊर्जा सुरक्षा, स्वच्छ उर्जा और जलवायु परिवर्तन पर रणनीतिक सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।
* साझा बयान में 2005 की भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग को अगले दस साल के लिए बढ़ाने की बात कही गई है।
* भारत में स्थापित होने वाले पहले रक्षा विश्वविद्यालय के लिए अमेरिका सहयोग करेगा। दोनों देश सेनाओं के स्तर पर आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए हैं।
* दोनों नेताओं ने आतकंवाद की ओर से पेश किए जा रहे खतरे पर चिंता जताई, इस दौरान आईएसआईल की ओर पेश चुनौती का जिक्र किया गया।
* दोनों नेताओं ने आतंकवाद की चुनौती का सामना करने के लिए व्यापक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत पर जोर दिया। पाकिस्तान के बारे में जोर दिया गया है कि वह 2008 के मुंबई हमलों के दोषियों को सजा दिलाए।


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