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लोकसभा चुनाव 2019: तेज प्रताप को कब तक रोक पाएंगे तेजस्वी यादव

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, शुक्रवार, 29 मार्च 2019 (08:02 IST)
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में इन दिनों हाई वोल्टेज ड्रामा जारी है। आरजेडी प्रमुख अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और महुआ से विधायक तेज प्रताप यादव ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए पत्रकारों को बुलाया था लेकिन उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की।
 
एक बात जो साफ तौर पर जाहिर है वो ये कि पार्टी के भीतर 'सबकुछ ठीक नहीं' है। प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने से लगभग दो घंटे पहले तेज प्रताप ने सबको चौंकाते हुए एक ट्वीट के जरिए एलान किया कि वो आरजेडी छात्रसंघ संरक्षक के पद से इस्तीफा दे रहें हैं।
 
वो पिछले कई सालों से पार्टी के छात्र संघ का नेतृत्व कर रहे थे और पटना यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनावों में छात्रों के टिकट पर अंतिम मुहर लगाने का काम उन्हीं के हाथों में था।
 
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उन्होंने गुरुवार को ट्वीट किया, 'छात्र राष्ट्रीय जनता दल के संरक्षक के पद से मैं इस्तीफ़ा दे रहा हूं...नादान हैं वो लोग जो मुझे नादान समझते हैं, कौन कितना पानी में है सबकी खबर है मुझे।' उनके इस ट्वीट से ऐसा लग रहा था कि वो पार्टी के नेतृत्व से खासे नाराज हैं।
 
करीबियों को टिकट ना मिलने पर नाराज : तेज प्रताप की इस नाराजगी के पीछे की वजह उनके करीबियों को लोकसभा चुनाव का टिकट ना मिलना है। वो पार्टी के नेतृत्व से अपने कुछ खास लोगों के लिए टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन आरजेडी ने उन सीटों पर दूसरे उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
 
पार्टी के नेताओं के मुताबिक पिछले साल अपनी पत्नी से तलाक की अर्जी देने वाले तेज प्रताप अपने छोटे भाई तेजस्वी सहित पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर दबाव बना रहे थे कि शिवहर सीट से अंगेश कुमार और जहानाबाद सीट से चंद्रप्रकाश यादव को टिकट दिया जाए। लेकिन पार्टी ने दोनों ही सीटों पर अन्य उम्मीदवारों के नाम तय किए हैं जिनका औपचारिक ऐलान होना बाकी है।
 
पार्टी में अपनी बात ना माने जाने से तेज प्रताप अपने छोटे भाई और लालू यादव की अनुपस्थिति में पार्टी के सर्वेसर्वा तेजस्वी से नाराज हैं।
 
खबर है कि गुरुवार की दोपहर 2.30 बजे प्रेस कॉन्फ़्रेस करके वो अपने उम्मीदवारों का नाम घोषित करने वाले थे। लेकिन पार्टी के शीर्ष नेताओं को इसकी भनक लग गई और उन्होंने तेज प्रताप को ये कॉन्फ़्रेंस रद्द करने के लिए मनाया। कहा जा रहा है कि उनकी मां राबड़ी देवी ने उन्हें ऐसा करने से रोकने में सबसे अहम भूमिका निभाई है।
 
तेज प्रताप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर उसमें शामिल ना होने की वजह तो नहीं बताई लेकिन उन्होंने एक न्यूज चैनल से कहा कि वह तेजस्वी यादव और आरजेडी प्रमुख से गुज़ारिश करते हैं कि वो उन दो नामों पर विचार करें क्योंकि वो दोनों ही युवा चेहरे हैं।
 
उन्होंने कहा, 'मैं तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से गुज़ारिश करता हूं कि वो युवा उम्मीदवारों को टिकट दें। युवा ही पार्टी को आगे ले जाएंगे। हां, मैं चाहता हूं कि मेरे दो लोगों को टिकट दिया जाए और इसमें कुछ गलत नहीं है। मैं तेज प्रताप, मीसा या तेजस्वी के लिए टिकट की बात नहीं कर रहा हूं। हमारी पार्टी में नौजवानों को बेहतर मौक़े मिलने चाहिए।'
 
फ़िलहाल आरजेडी का अंदरूनी विवाद सुर्खियों में छाया हुआ है। इससे पहले भी तेज प्रताप अपने अप्रत्याशित रवैये से पार्टी के लिए ऐसी स्थितियां पैदा कर चुके हैं।
 
हाल ही में तेजप्रताप ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे के खिलाफ पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर अपने करीबियों की नियुक्ति नहीं करने का आरोप लगाया था।
 
इससे पहले, तेजप्रताप ने खुले तौर पर कहा कि उनकी बड़ी बहन और राज्यसभा सांसद मीसा भारती को पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ना चाहिए न कि मनेर विधायक भाई बीरेंद्र को।

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