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'...तो गोभी के पराठों की आएगी याद'

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, शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2015 (11:13 IST)
- शालू यादव (दिल्ली)

उन्नीस साल की श्रद्धा प्रसाद अपने मां-बाप की अकेली संतान हैं, पर उन्हें इसकी फ़्रिक्र नहीं कि मंगल ग्रह पर जाने का सपना पूरा हो भी जाए तो वहां से वापसी की कोई गारंटी नहीं है। उनका कहना है, 'अपने सपने पूरे करने के लिए थोड़ा बलिदान तो देना ही पड़ता है।'


कोयंबटूर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहीं श्रद्धा ने 2013 में उस प्रोग्राम के लिए अर्जी दी थी जिसके तहत 2024 में लोगों को मंगल ग्रह भेजने की योजना है। अनुमान है कि यह अंतरिक्ष यान मंगल ग्रह पर साल 2025 तक पहुंचेगा।

दरअसल नीदरलैंड की 'मार्स वन' नाम की एक गैरसरकारी संस्था मंगल ग्रह पर बस्ती बसाने की योजना बना रही है और उसी प्रतियोगिता के तहत तीन भारतीयों का नाम उन सौ लोगों की सूची में आ गया है, जो अगले राउंड में आगे जाएंगे।

सूची में नाम आने पर श्रद्धा ने खुशी जताते हुए कहा, 'बेहद खुश हूं कि मैं प्रतियोगिता की इस कड़ी तक पहुंच गई हूं। मुझे हमेशा से अंतरिक्ष विज्ञान में बहुत रुचि थी और फिर किसी दूसरे ग्रह पर जाकर रहने का मौका बार-बार नहीं मिलता। मुझे जोखिम भरे काम बहुत पसंद हैं और अगर इस प्रतियोगिता में आगे जाती हूं तो यह जोखिम जरूर लेना पसंद करूंगी।'

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दो अन्य भारतीय : श्रद्धा के अलावा इस सूची में 29 वर्षीय तरनजीत सिंह भाटिया भी हैं जो फ्लोरिडा में कंप्यूटर साइंस में डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रहे हैं। इसी तरह 26 वर्षीय रितिका सिंह को मौका मिला है, जो दुबई में रहती हैं।

श्रद्धा ने बीबीसी को बताया कि शुरुआत में उनके माता-पिता ने उनका साथ नहीं दिया, लेकिन जब उनका चयन सौ लोगों में हुआ तो उन्हें उन पर गर्व होने लगा है।

उनका कहना था, 'शुरुआत में मेरे माता-पिता नहीं चाहते थे कि मैं इस प्रतियोगिता में हिस्सा तक लूं। फिर उन्हें लगा कि मेरा चयन एक या दो राउंड से ऊपर नहीं हो पाएगा। लेकिन अब जब मैं यहां तक पहुंच गई हूं, तो उनका डर गर्व में बदल गया है।'

मंगल ग्रह पर जाने की प्रतियोगिता का चौथा और आखिरी इंटरव्यू राउंड अभी बाकी है। इसमें कुल चार लोगों को चुना जाएगा।

जब मैंने श्रद्धा से पूछा कि अगर उनका नाम इन चार लोगों में आता है और वह मंगल ग्रह जा पाती हैं, तो उन्हें किस चीज की सबसे ज्यादा याद आएगी।

श्रद्धा ने कहा, 'मुझे सबसे ज्यादा भारतीय खानपान की याद आएगी। खासतौर पर गोभी के पराठों की। मुझे ये पराठे इतने पसंद हैं कि एक बार मैं इन्हें खाना शुरू करती हूं तो रुक नहीं पाती।'

बहरहाल मंगल पर जाने तक की राह अभी बहुत लंबी है और फिलहाल श्रद्धा गोभी के पराठों का भरपूर आनंद ले सकती हैं।

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