Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

एक पाकिस्तानी हिंदू की आखिरी ख्वाहिश

हमें फॉलो करें एक पाकिस्तानी हिंदू की आखिरी ख्वाहिश
, मंगलवार, 4 नवंबर 2014 (11:39 IST)
- रियाज सुहैल बीबीसी उर्दू संवाददाता

सिंध में थार के रेगिस्तान में छोटे से एक कस्बे में कुछ लोग बिजली का इंतजार कर रहे हैं। उन लोगों के बीच एक व्यक्ति काली कमीज और सफेद पायजामा पहने हुए है। उन्होंने एक बंडी पहन रखी है। आखिरकार बिजली आ गई और इमाम बाड़ा वहां लगे बल्बों से रोशन हो गया और फिर मजलिस शुरू हुई। यह धार्मिक आयोजन इसलिए अलग है कि इसका जाकिर कोई मुसलमान नहीं बल्कि एक हिंदू व्यक्ति रविशंकर है।


जाकिर उस व्यक्ति को कहते हैं जो विशेष धार्मिक जलसों या मजलिसों में इस्लाम की महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में विवरण देता है। रविशंकर ने कर्बला की घटना में पैगम्बर मोहम्मद के नवासे हुसैन के बेटे अली अकबर के व्यक्तित्व पर रोशनी डालनी शुरू कर दी और वहां मौजूद लोग हाथ उठा उठाकर उन्हें दाद दे रहे थे। रियाज सुहैल की विशेष रिपोर्ट:-

पाकिस्तान के अन्य क्षेत्रों की तुलना में थर और इसके पास के ज़िले अमरकोट में इस तरह के जलसों में शामिल होने वाले लोग बिना किसी डर और खतरे के मातमी जुलूसों और ऐसे आयोजनों में भाग लेते हैं, जिनमें हिंदू समुदाय के लोगों की भी एक बड़ी संख्या होती है।

यह सद्भाव पाकिस्तान में दुर्लभ हो चुका है जो सिंध के इस इस्लामाबाद में किसी न किसी सूरत में मौजूद है। रविशंकर किसी आम मुसलमान की तुलना में इस्लाम धर्म के किस्से कहानियों और परंपराओं के बारे में अधिक जानकारी रखते हैं। उन्होंने 70 के दशक से ये जिम्मेदारी निभाने की शुरुआत की थी।
webdunia

वे कहते हैं, 'में दमे से पीड़ित था, एक मजार पर गया और मन्नत मांगने के बाद मेरी तबीयत में सुधार हुआ जिसके बाद से ही मैं इस रंग में रंग गया।'

मुक्ति का मार्ग : रविशंकर ने नगर निगम में नौकरी की और उनका तबादला मीरपुर खास शहर में कर दिया गया। 90 के दशक से उन्होंने मजलिस (धार्मिक ज्ञान) पढ़ना शुरू किया लेकिन इसके लिए उन्होंने किसी मदरसे या यूनीवर्सिटी से पढ़ाई नहीं की बल्कि खुद पढ़ाई करके जानकारी हासिल की।

रविशंकर के मुताबिक उन्होंने मिर्जा सलामत अली दबीर, मीर अनीस और अन्य प्रामाणिक धार्मिक विद्वानों की किताबें पढ़ीं लेकिन वह हिंदू शायरा देवी रूप कुमारी और अन्य लोगों से ज्यादा प्रभावित हुए।

सिंध के अलावा वो झंग, ओकाड़ा, आरिफ वाला, रावलपिंडी, लाहौर और खैबर पख्‍तूनख्वाह में भी मजलिस पढ़ चुके हैं।

रविशंकर बताते हैं कि उन्हें उनके मित्र कहते हैं, 'डेरा इस्माइल खान, पेशावर और कोहाट में तालिबान हैं। वे तुम्हें मार देंगे लेकिन मैं उन्हें कहता हूं कि मुझे चाहिए ही मौत, क्योंकि आम मौत से शहादत बेहतर है। अगर वे भी आले मुहम्मद की पैरवी में मिल जाए तो राहे निजात (मुक्ति का मार्ग) है।'

लोगों का एतराज : पंजाब के कुछ शहरों में एक हिंदू के जाकिर होने पर एतराज जताया गया। लेकिन रविशंकर आलोचकों को झंग के विद्वान अल्लामा नसीम अब्बास रिजवी का हवाला और उनका फोन नंबर देते थे जिनको वो अपना उस्ताद भी मानते हैं।

बकौल रविशंकर अल्लामा नसीम से संपर्क करके लोग चुप हो जाते थे, लेकिन अब अल्लामा नसीम का निधन हो चुका है। मजलिस पढ़ने वाले कुछ जाकिरों को आयोजक नजराना यानी पैसे भी देते हैं लेकिन रविशंकर कहते हैं कि वो इसके लिए पैसे नहीं लेते।

वो कहते हैं कि वो सिर्फ अपनी आस्था और मोहब्बत की वजह से मजालिस में शामिल होते हैं। वह विवादास्पद भाषण नहीं देते। बकौल उनके- 'मैं अपनी धार्मिक आस्था छोड़ता नहीं और दूसरे की धार्मिक आस्था को छेड़ते नहीं।'

webdunia
अंतिम इच्छा : रविशंकर पिछले दिनों नौकरी से सेवानिवृत्त हो गए। उन्हें पेंशन के जो सात आठ लाख रुपए मिले, वह उन्होंने इमाम बाड़ों के निर्माण पर लगा दिए। उनके अनुसार उनसे स्थानीय इमाम बाड़ों में कुछ मस्जिदों के केयरटेकर खफा हैं, जो एतराज पहले विरोधी करते थे अब वो भी करने लगे हैं।

रविशंकर की अंतिम इच्छा है कि इस्लामी तौर तरीकों के मुताबिक उनकी नमाज-ए-जनाजा अदा की जाए और उसी इमाम बाड़े में उनका अंतिम संस्कार हो जो उन्होंने बनवाया है।

वे कहते हैं, 'जिनके साथ पिछले कई सालों से मैं जुमे की नमाज पढ़ता हूं, उनकी जिम्मेदारी है कि वह मेरी नमाजे जनाजा अदा करें। अगर वह यह नहीं करते तो मेरे बच्चे किसी और को बुलाकर नमाजे जनाजा अदा कर देंगे।'

रविशंकर पाकिस्तान को दो दशक पहले जैसा देखना चाहते हैं जब आस्था के सवाल पर कोई खास भेदभाव नहीं था, सब भाइयों की तरह रहें और पाकिस्तान की दुनिया में प्रतिष्ठा बहाल हो।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi