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ब्रह्मांड में सबसे बड़ा धमाका

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, शुक्रवार, 15 जनवरी 2016 (10:46 IST)
खगोलविदों ने अब तक के सबसे ताक़तवर सुपरनोवा की खोज की है। इस फट रहे तारे को पहली बार बीते साल जून में देखा गया था, लेकिन अभी भी इससे अपार ऊर्जा निकल रही है।
अपने चरम पर यह सुपरनोवा तारा सामान्य सुपरनोवा से 200 गुना ताकतवर था और हमारे सूर्य से यह 570 अरब गुना ज्यादा चमक रहा है। खगोलविदों के मुताबिक ये सुपरनोवा बेहद तेज गति से घूम रहा है।
 
साथ ही इसकी रफ्तार धीमी भी हो रही है और इस प्रक्रिया में फैल रहे गैस और धूल के गुबार में ये अपार ऊर्जा छोड़ रहा है। ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी से जुड़े प्रोफेसर क्रिस्टोफ़र कोचानेक इस सुपरनोवा तारे की खोज करने वाले दल में शामिल हैं।
 
वे बताते हैं, 'केंद्र में ये बहुत ठोस है। संभवतः इसका द्रव्यमान हमारे सूर्य के बराबर है और जिस क्षेत्र में यह अपनी ऊर्जा छोड़ रहा है उसका द्रव्यमान हमारे सूर्य से पांच-छह गुना ज्यादा है और यह बाहर की ओर 10 हजार किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से बढ़ रहा है।'
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इस सुपरनोवा के बारे में जानकारियां साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई हैं। अब तक के सबसे शक्तिशाली माने जा रहे इस सुपरनोवा की खोज स्काई ऑटोमेटेड सर्वे फॉर सुपरनोवा ने धरती से करीब 3।8 अरब प्रकाशवर्ष दूर की है।
 
खगोलविद हमेशा से आकाश में होने वाले तारों के इन विशाल धमाकों की ओर आकर्षित होते रहे हैं। हमारे ब्रह्मांड का विकास कैसे हुआ, यह समझने में सुपरनोपा अहम कड़ी हैं। इस सुपरनोवा का मूल तारा भी काफी विशाल रहा होगा- संभवतः हमारे सूर्य के मुकाबले 50 से 100 गुना तक बड़ा।

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