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दबंग का चुलबुल, देसी रॉबिनहुड : सलमान खान

दबंग हिट साबित होगी

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इस समय एक ही चर्चित फिल्म है ‘दबंग’। आइए जानें कि क्या कहते हैं चुलबुल पांडे उर्फ सलमान खान इस फिल्म के बारे में, सोनाक्षी के बारे में, मूँछों के बारे में।

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वॉण्टेड का सीक्वल नहीं है
मुझसे बार-बार ये सवाल किया जाता है कि क्या ‘दबंग’ ‘वॉण्टेड’ का सीक्वल है? मैं ‘वॉण्टेड’ जैसी एक फिल्म क्यों करुँगा। ‘दबंग’ का किरदार तो एकदम हटकर है। जब मैंने शूटिंग आरंभ की तो मुझे चुलबुल पांडे समझ में ही नहीं आया। यह बहुत ही भावुक है, जो अगले पल ये कॉमेडी शुरू कर देता है और उसके बाद एक्शन। चुलबुल का अगला कदम क्या होगा ये कोई नहीं जानता। मैंने आज तक ऐसा रोल नहीं निभाया है।

मूँछों का रौब
उत्तर प्रदेश और बिहार में ज्यादातर लोग मूँछ रखते हैं। वे इसे मर्दानगी का प्रतीक मानते हैं। इससे वे रफ, टफ और परिपक्व नजर आते हैं। मैं ‘वीर’ की शूटिंग खत्म कर लंबे बालों और क्लीन शेव में ‘दबंग’ के सेट पर पहुँचा। वहाँ ज्यादातर लोग मुझे मूँछ में नजर आए। मैंने चुलबुल के लिए मूँछे लगाईं। सोनाक्षी सिन्हा और विनोद खन्ना वहीं उपस्थित थे। दोनों ने कहा कि मूँछों में मैं अच्छा नजर आ रहा हूँ। मूँछों की वजह से ही चुलबुल का किरदार अलग और दमदार नजर आ रहा है।

देसी रॉबिनहुड
फिल्म में चुलबुल पांडे सोचता है कि वह अपने क्षेत्र का रॉबिनहुड है। वह अमीरों से पैसा लेकर गरीबों में बाँटता है। मस्तमौला किस्म का इंसान है। थोड़ा-सा पागल है, लेकिन किसी का बुरा नहीं चाहता। उसे मैं देसी रॉबिनहुड कहूँगा।

फैंस और मुझमें कोई अंतर नहीं
मैं अपने प्रशंसकों जैसा ही हूँ। मेरे फैंस और दोस्त मेरे चमचे नहीं हैं जो मेरी हाँ में हाँ मिलाए। वे सच मेरे सामने कहते हैं। उन्हें यदि मेरा कोई रोल, फिल्म या ट्रेलर पसंद नहीं आते हैं तो वे स्पष्ट रूप से मुझे बता देते हैं। जब वे मेरी फिल्म का प्रोमो देख खुश होते हैं तो मैं समझ जाता हूँ कि वो फिल्म हिट होगी। ‘दबंग’ का प्रोमो मैंने घर पर दिखाया, फैंस को दिखाया तो सभी को पसंद आया। ‘वीर’ का प्रोमो भी सभी को अच्‍छा लगा था, लेकिन दुर्भाग्य से वो फिल्म चली नहीं। लेकिन ‘दबंग’ के बारे में मैं पूरी तरह आश्वस्त हूँ कि यह हिट साबित होगी।

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साड़ी में सुंदर लगती हैं सोनाक्षी
बिना रोमांस के एक्शन अर्थहीन है। इसीलिए ‘दबंग’ में सोनाक्षी सिन्हा को लिया गया। वे फिल्म में बेहद खूबसूरत नजर आ रही हैं। मैं सोनाक्षी के परिवार को अच्छी तरह से जानता हूँ। हम काफी पुराने दोस्त हैं। मुझे हमेशा से ही उसमें अच्छा कलाकार बनने की संभावना नजर आई है। वह बॉलीवुड में लंबी पारी खेलेगी। कई महिलाएँ साड़ी में अच्छी लगती हैं। श्रीदेवी को देखिए या शिल्पा शेट्टी का उदाहरण लीजिए। कैटरीना कैफ का नाम भी लूँगा। सुष्मिता सेन तो शानदार लगती हैं साड़ी में। लेकिन सारी अभिनेत्रियों पर ये बात लागू नहीं होती है। सोनाक्षी की खूबसूरती भी साड़ी पहनने के बाद बढ़ जाती है।

सोनाक्षी से मैंने भी सीखा
जब मैं सोनाक्षी की उम्र का था तब मेरे अंदर भी उत्साह और उमंग थी। आज मैं अपने अंदर उत्साह की कमी पाता हूँ। लेकिन जब मैं अपने को-स्टार में काम के दौरान उमंग पाता हूँ तो मेरे अंदर भी वही उमंग जाग जाती है। सोनाक्षी के उत्साह से मैंने काफी कुछ सीखा इसलिए जब आप ‘दबंग’ देखेंगे तो मुझे ऊर्जा से भरपूर पाएँगे।

अच्छे इंसान हैं अभिनव
’दबंग’ के निर्देशक अभिनव कश्यप बहुत अच्छे इंसान हैं। वे बहुत अच्छा लिखते हैं। छोटे परदे पर उन्होंने अच्छा काम किया है। समय और पैसा बिलकुल बरबाद नहीं करते हैं। ‘दबंग’ की स्क्रिप्ट पर उन्होंने बहुत मेहनत की है। किस्मत की बात है कि हम खान भाइयों ने उनकी स्क्रिप्ट को फिल्म के लिए चुना। ‘दबंग’ के बाद अभिनव की तुलना उनके भाई अनुराग से नहीं की जाएगी।

अरबाज पर मुझे गर्व है
बात सिर्फ अरबाज की नहीं है, हर उस निर्माता की है जो फिल्म बनाने में अपना पैसा लगाता है, उसे लाभ के लिए अकाउंट पर नजर रखना होती है। अरबाज ने ये बातें सोहेल से सीखीं। उन निर्माताओं से सीखी जिसके साथ उसने काम किया है। आज मैं कह सकता हूँ कि अरबाज पर मुझे गर्व है। फिल्म समय पर बनना, ठीक समय रिलीज होना, कितना व्यवसाय फिल्म कर सकती है, कितनी तगड़ी शुरुआत ले सकती है, इन सब बातों का ध्यान रखना पड़ता है और अरबाज ने ये सब कर लिया है।

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सैलिब्रिटी दोस्तों को दिखाऊँगा ‘दबंग’
इस समय मार्केटिंग का महत्व बढ़ गया है। वेबसाइट्‍स और अखबारों में आप पढ़ते ही होंगे कि फलां एक्टर ने अपने सैलिब्रिटी दोस्तों को फिल्म दिखाई। इसमें क्या बुराई है? यह फिल्म की बेहतरी के लिए होता है और फिल्म को इससे फायदा भी पहुँचता है। मैं भी ‘दबंग’ अपने सैलिब्रिटी दोस्तों को दिखाऊँगा। कुछ वर्ष पहले मैंने आमिर खान को ‘क्योंकि’ दिखाई थी। फिल्म देखने के तुरंत बाद उन्होंने मुझसे कहा था कि उन्हें फिल्म पसंद नहीं आई क्योंकि पूरी फिल्म में उदासी छाई हुई है। मेरे भी ऐसे ही विचार थे। इसलिए मुझे मेरे दोस्तों की ईमानदारी अच्छी लगती है। मैं नहीं चाहता कि सब मुझसे झूठ बोले। ‘तेरे नाम’ की रिलीज के पहले मुझे लग रहा था कि यह फिल्म फ्लॉप हो जाएगी, लेकिन हुआ बिलकुल उलटा। आप नहीं जान सकते कि शुक्रवार में आपके लिए क्या छिपा हुआ है।

तेरे नाम का सीक्वल
तेरे नाम में काम करना मेरे लिए बेहद आसान था। यदि आप छोटे शहरों में जाएँगे तो कई लोग आपको मेरे किरदार की तरह मिल जाएँगे। मैंने फिल्म के सेकंड हाफ में कुछ उसी तरह का व्यवहार किया था। फिल्म की पब्लिसिटी के दौरान मैंने कहा भी था कि लोग मेरे किरदार से प्रभावित ना हो। मैंने अपने प्रशंसकों से कई बार कहा है कि यदि आपके जीवन से एक लड़की जाती है, तो दूसरी उसकी जगह ले सकती है। यह बहुत कठिन नहीं है। ‘तेरे नाम’ का सीक्वल बन सकता है, लेकिन यह सब सतीश कौशिक पर निर्भर करता है कि वे बनाना चाहते हैं या नहीं।

ट्विटर ने दिया एक नया स्टेज
मैं तभी ट्वीट करता हूँ जब मेरे पास कुछ ट्वीट करने लायक होता है। जब कुछ नहीं रहता तो मैं अपने फैंस को फॉलो करता हूँ। फैंस को जवाब देता हूँ। मुझे ट्विटर पर फोटो पोस्ट करना भी अच्छा लगता है। ट्विटर ने मुझे परफॉर्म करने के लिए एक नया स्टेज दिया है और इससे मैं बहुत खुश हूँ।

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