अरशद वारसी : रिस्क लेने को हमेशा तैयार
सर्किट की प्रशंसा की आग अब ठंडी हो चुकी है और अभी मुन्नाभाई-3 को प्लेटफॉर्म पर आने में थोड़ी देर है। इश्किया का बुखार भी उतरा ही समझो, फिर चाहे इश्किया की सीक्वल की बात चल रही हो, लेकिन अभी हीरोइन को लेकर सब कुछ अटका पड़ा है। माधुरी के भारत लौटकर आने से शायद सीक्वल की राख में से कुछ चिंगारी निकले, लेकिन इस बीच अरशद फिर से गुम हो ही गए होते, यदि वे आनंद कुमार की फिल्म 'जिला गाज़ियाबाद' में निगेटिव भूमिका में नहीं आ रहे होते। इस फिल्म में एक बार फिर उनके साथ संजय दत्त हैं लेकिन फिल्म में हीरो की भूमिका में विवेक ओबेरॉय हैं। अरशद के लिए अच्छी बात यह है कि हीरो विवेक और सीनियर एक्टर संजय के रहते हुए भी उनकी भूमिका दमदार कही जा रही है। अब यह अलग बात है कि इसकी वजह से संजय दत्त से उनके दोस्ताना रिश्ते प्रभावित हो रहे हैं, चाहे संजू बाबा और खुद अरशद इसकी तस्दीक न करते हों। अब तक लगातार कॉमेडी में सफल हुए अरशद के लिए ही नहीं बल्कि खुद निर्देशक के लिए भी उन्हें निगेटिव भूमिका में लेना जोखिम भरा फैसला सिद्ध हो सकता है, लेकिन शायद उनकी आखिरी रिलीज 'इश्किया' के रोल ने उन्हें यह रोल दिलवाने में मदद की। अरशद कहते हैं कि वे तो बहुत दिनों से निगेटिव रोल करना चाहते थे। वे मानते हैं कि वे सरप्राइजिंग हैं, क्योंकि जब राजकुमार हीरानी ने उन्हें मुन्नाभाई में सर्किट की भूमिका दी तो लोग काफी चौंके थे, लेकिन फिल्म की रिलीज के बाद अरशद ने लोगों को चौंकाया था। इसी तरह जब उन्होंने 'इश्किया' की भूमिका की थी, तब भी लोगों को आश्चर्य हुआ था, लेकिन फिल्म देखने के बाद आलोचकों तक ने उनके अभिनय की तारीफ की थी।उस दौर में जब अरशद को कॉमेडी फिल्मों में पसंद किया जा रहा है, तब अचानक निगेटिव भूमिका की तरफ कदम बढ़ाना क्या खतरनाक नहीं है? इस पर अरशद कहते हैं कि वे करियर के किसी भी दौर में यह खतरा उठाने के लिए तैयार हैं। यह असल में एक काल्पनिक किरदार है लेकिन इस पर 'शोले' के गब्बर सिंह का प्रभाव है। हालाँकि इस फिल्म के बारे में कहा जा रहा है कि चूँकि आनंद कुमार अरशद के अच्छे दोस्त हैं, इसलिए अरशद का डायरेक्शन में बहुत ज्यादा दखल है और यह बात संजय दत्त को जरा भी पसंद नहीं आ रही है। आखिर तो संजू बाबा एक सीनियर एक्टर हैं और यह बात उन्हें गवारा नहीं है कि अरशद जैसे जूनियर और दूसरी पंक्ति के कलाकार उन्हें निर्देश दें। इसके उलट संजय दत्त प्रोडक्शन के धरम ओबेरॉय का कहना है कि यह बात सही नहीं है, बल्कि अरशद ने फिल्म में संजय दत्त का रोल बढ़ाया ही है। हो सकता है बात सच हो, आखिर तो दीया मिर्जा के साथ उनकी बढ़ती नजदीकियों की खबर से परिवार के मोर्चे पर परेशान अरशद अब कोई और पंगा लेने की स्थिति में न हैं।अब खबर यदि 'इश्किया' की सीक्वल की हो तो फिर सवाल यही उठता है कि इसमें अरशद होंगे या नहीं...? हीरोइन के लिए अभी तो माधुरी की चर्चा चल रही है, लेकिन अरशद और नसीर का होना तो तय ही है। शायद अगले साल के मध्य में राजकुमार हीरानी भी 'मुन्नाभाई-3' शुरू कर दें। तो क्या उसमें भी...? 'हाँ, अभी तक किसी ने मुझे ये नहीं कहा है कि मैं फिल्म में नहीं हूँ', मुस्कुराते हुए अरशद बताते हैं।और फेमिली फ्रंट...! अरशद कहते हैं कि वह तो पुरानी बात हुई... हाँ, इस पूरे प्रकरण में दीया भी परेशान रही और मारिया (अरशद की पत्नी) भी। हालाँकि अरशद और दीया पुराने दोस्त हैं, लेकिन फिर भी ऐसा मीडिया की वजह से हुआ। अब अरशद चाहते हैं कि वे टीवी शो करें, ताकि शूटिंग मुंबई में ही हो और वे अपना ज्यादा-से-ज्यादा समय परिवार के साथ बिता सकें।