'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा' के दर्शक यह तो अच्छी तरह से जानते हैं कि इस फिल्म की शूटिंग स्पेन में ही की गई थी। कुछ लोगों ने तो फिल्म की निर्देशक पर स्पेन के टूरिज्म का विज्ञापन करने के आरोप तक लगा दिए। लेकिन बहुत ही कम लोग यह जानते होंगे कि न केवल शूटिंग ही बल्कि फिल्म का "सेन्योरिटा" सांग भी फिल्म के एक्टरों के साथ स्पेनिश सिंगर मारिया डेल फर्नांडिज से गवाया गया था।
जी हां! 33 वर्षीय मारिया एक अच्छी स्पेनिश सिंगर हैं। बचपन से ही मारिया ने अपनी मां से संगीत की तालीम लेना शुरू कर दिया था और आज वे बतौर प्रोफेशनल सिंगर काम कर रही हैं। मारिया 14 साल की थीं, तब से स्टेज शो कर रही हैं और वे अभी भी फ्लेमेंको (स्पेन का एक नृत्य) सीख रही हैं। बॉलीवुड के लिए गाने से पहले मारिया अपनी परफॉरमेंस स्पेन के चुनिंदा क्लबों में ही दिया करती थी और वहीं के कुछ लोकल एलबम में काम किया करती थी। लेकिन अब मारिया स्पेन से बाहर निकलने का मन बना रही हैं।
दरअसल "जिंदगी ना मिलेगी दोबारा" के साथ "सेन्योरिटा" भी हिट हो गया है। इस गाने की बदौलत मारिया भारत में इतनी लोकप्रिय हो चुकी हैं कि वे अब यहां अपना सोलो शो करने आ रही हैं। मारिया का कहना है कि यह मेरा भारत का पहला शो होगा और मैं इसके लिए काफी एक्साइटेड हूं। वे बताती हैं कि जब मैं रितिक रोशन, अभय देओल और फरहान अख्तर के साथ "सेन्योरिटा" की रिकार्डिंग कर रही थी तो मैंने यह बिल्कुल नहीं सोचा था कि स्पेनिश, हिन्दी और लैटिन म्यूजिक की धुन का यह मिला-जुला गाना इतना हिट हो जाएगा। भारत के लोगों ने इस गाने को इतना पसंद किया, इस बात को लेकर मारिया बहुत खुश हैं। वे बताती हैं कि मैंने तो इस गाने की रिकॉर्डिंग को भी बहुत एन्जॉय किया। गाने की रिकॉर्डिंग के समय मैं गाने के साथ ही स्टूडियो में डांस भी कर रही थी!
वैसे बॉलीवुड में मात्र एक हिट फिल्म से एक्टर की किस्मत बदल जाती है, रातोंरात उन्हें सितारा होने का तमगा मिल जाता है। मारिया के केस में तो एक गाने ने ही उनकी किस्मत बदल दी। दरअसल फिल्म के सिलसिले में जोया अख्तर की टीम स्पेनिश फ्लेमेंको म्यूजिशियन की तलाश में थी। मारिया के मैनेजर ने उन्हें इस बारे में बताया और टीम ने सेन्योरिटा गाने के लिए उन्हें कास्ट कर लिया। मारिया का कहना है कि भारत बहुत ही प्यारा देश है। मुझे तो यहां की बहुत-सी चीजें लुभा रही हैं। और तो और यहां मेरे पास काम के भी बहुत-से विकल्प हैं। वे यह भी कहती हैं कि मैं "सेन्योरिटा गर्ल" के रूप में टाइपकास्ट नहीं होना चाहती हूं। मैं सोच-समझकर काम करने में विश्वास करती हूं।
अपने कंसर्ट में मारिया भारतीय संगीतकारों के साथ कोई तात्कालिक प्रस्तुति देने का मन बना रही हैं। उनका कहना है कि स्पेनिश और भारतीय संगीत में वैसे बहुत-सी समानताएं हैं। फ्लेमेंको को बारीकी से जानने के बाद तो मैं खुद को भारतीय संगीत के करीब महसूस करती हूं। अब मारिया को भारत इतना पसंद आ रहा है कि वे यहीं सैटल होने की प्लानिंग कर रही हैं!