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भौमिक सम्पत : बस इसी दिन का इंतज़ार था...

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रंग-भरे ग्लैमरस सपने लेकर बॉलीवुड में इंट्री करने वालों में साल की शुरुआत में एक और नाम जुड़ गया है। ये हैं यंग एंड डैशिंग "भौमिक सम्पत।" फिल्म "साडा अड्डा" से अपने फिल्मी करियर का आगाज़ कर रहे भौमिक जाहिर है कि अपनी पहली फिल्म को लेकर बेहद उत्साहित हैं तथा ग्लैमर वर्ल्ड में उपस्थिति दर्ज करने के सुनहरे सपनों में खोए हुए हैं।

साडा अड्डा एक कॉमेडी ड्रामा है जिसे मुअज्जम बेग ने निर्देशित किया है। यह फिल्म युवाओं की एक अलग कहानी और छवि प्रस्तुत करती है। इसमें इमोशन भी है, ड्रामा भी और ढेर सारी कॉमेडी भी है। वैसे यूँ देखा जाए तो ग्लैमर जगत के लिए भौमिक एकदम नए भी नहीं हैं। वे बचपन में टीवी के लिए कुछ कमर्शियल्स में काम कर चुके हैं और फिल्मी दुनिया के लिए नई प्रतिभा की खोज करने वाले एक टीवी रियलिटी शो का भी हिस्सा रह चुके हैं लेकिन इसके बाद भौमिक कई सालों तक संघर्ष करते रहे।

भौमिक बचपन से ही फिल्मी दुनिया का हिस्सा बनना चाहते थे और इसलिए जब उक्त रियलिटी शो में भाग लेने का मौका मिला तो भौमिक को लगा कि अब वे मनचाहा पड़ाव पा लेंगे। लेकिन जिंदगी कई बार उतनी आसान नहीं होती जितनी दिखाई देती है। इस शो के बाद भी भौमिक को वैसा प्रतिसाद नहीं मिल पाया, जैसा उन्होंने सोचा था। हालाँकि उनके साथ के कुछ लोगों को टीवी पर काम मिला और उन्हें भी छोटे पर्दे के ऑफर आए लेकिन भौमिक बड़े पर्दे को ही प्राथमिकता देना चाहते थे।

उन्होंने इंतज़ार किया और लगभग 7-8 साल बाद उनका इंतज़ार अब रंग लाया है। बकौल भौमिक- "बचपन में जब मैं कमर्शियल्स में काम कर रहा था, तब भी मुझे कोई रास्ता बताने वाला नहीं था और आज भी मेरे पास कोई गॉडफादर नहीं है। हालाँकि मैं मानता हूँ कि बॉलीवुड में सफलता पाने में एक बड़े नाम का साथ आपको काफी मदद तो करता है।"

इतने लंबे अंतराल तक इंतज़ार करने की बजाय टीवी को न चुनने के अपने फैसले के पीछे भौमिक एक और तर्क देते हैं। वे कहते हैं कि- मैं अमिताभ बच्चन का बड़ा प्रशंसक हूँ। बचपन से उन्हें बड़ी स्क्रीन पर देखता रहा हूँ और यही कारण था कि मैं हमेशा से एक सिने-सितारा बनना चाहता था। शायद भौमिक के दिमाग में गहरे बैठी इसी बात ने उन्हें टीवी की ओर कदम बढ़ाने से रोक दिया।

हालाँकि अब भी भौमिक को कोई बहुत बड़ा रोल तो नहीं मिला है। यहाँ तक कि उनकी पहली फिल्म सोलो हीरो वाली भी नहीं है, लेकिन भौमिक के अनुसार इस फिल्म की स्क्रिप्ट ने उन्हें कहीं गहरे तक छू लिया था। फिर आखिरकार उन्हें इसके जरिए एक बड़े प्रॉडक्शन हाउस से जुड़ने का मौका तो मिला ही है। हाँ, अगर अब टीवी के लिए कोई अच्छा ऑफर मिला तो भौमिक सोचेंगे जरूर। भौमिक मानते हैं कि वे अपनी ओर से पूरी मेहनत करेंगे तो आगे भी रास्ते मिलते चले जाएँगे।

- वीरेन्द्र कछवाहा


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