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मेकअप और स्टाइल करती है कलाकारों की उम्र कम

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अगर आपकी उम्र पैंतीस से चालीस के बीच है...तो आपके कॉलेज में पाए जाने की कितनी संभावना है? आप कहेंगे क्या मजाक है..लेकिन जनाब हिंदी फिल्में तो आप देखते ही होंगे..यानी इस उम्र में भी यदि आप हिंदी फिल्म के हीरो-हीरोइन हैं तो कॉलेज के विद्यार्थी भी हो सकते हैं। वो भी रेग्युलर विद्यार्थी कोई पत्राचार या प्राईवेट फॉर्म भरने वाले नहीं।

केवल कॉलेज जाने तक ही क्यों बॉलीवुड के हीरो-हीरोइन तो उम्र के आधे पड़ाव में 'छोकरे-छोकरियों' वाले तमाम रोल अदा कर सकते हैं। आखिर उनके पास इसके लिए खासतौर पर ड्रेस डिजायनर से लेकर मेकअप आर्टिस्ट, विग बनाने वाले और स्टाइलिस्ट जो होते हैं।

एक्टिंग के जरिए तो खैर कलाकार किसी भी उम्र में कोई भी रोल निभा सकता है लेकिन क्या केवल अभिनय के दम पर कोई भी अपनी उम्र से दस या पंद्रह साल छोटे व्यक्ति का रोल निभा कर उसके साथ न्याय कर सकता है? बिलकुल नहीं..ऐसे में वह रोल तो बखूबी निभा लेगा लेकिन जब बात लुक्स की आएगी तो दर्शक उसे देखना तक पसंद नहीं करेंगे। हाँ, रेडियो या केवल दृश्य माध्यम पर भूमिका निभानी हो तो बात अलग है। तो इसके लिए खासतौर पर अभिनेता या अभिनेत्री के लुक्स और स्टाइल पर काम किया जाता है।

पिछले दिनों आई सलमान-करीना अभिनीत 'बॉडीगार्ड' में करीना ने एक कॉलेज में पढ़ने वाली युवती की भूमिका निभाई है। इसके लिए करीना के लुक्स पर विशेष काम किया गया ताकि वे कॉलेज गर्ल की तरह दिख सकें। करीना इसके पहले 'कमबख्त इश्क' में भी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली युवती की भूमिका निभा चुकी हैं।

करीना तो चलिए फिर भी ठीक हैं क्या 'थ्री इडियट्‌स' में आमिर को देखकर आपको एक मिनट के लिए भी लगा था कि वे कॉलेज स्टूडेंट नहीं दिख रहे। मेकअप, हेयरस्टाइल, ड्रेस तथा एक्सेसरीज़ के जरिए उनको एकदम कॉलेज का युवक ही बना दिया गया था।

वहीं आने वाली फिल्म 'देसी बॉयज़' में अक्षय कुमार और जॉन एब्राहम को दो 'नॉटी' युवकों का रोल दिया गया है। कहा जा रहा है कि इस रोल के लिए चालीस के ऊपर के अक्षय और चालीस तक पहुँचने को तैयार जॉन के कपड़ों और हेयरस्टाइल पर विशेष काम किया गया है। ताकि वे 25 साल की दीपिका के साथ स्क्रीन पर 'बूढ़े' नजर न आएँ।

इसके अलावा हाल ही में आई 'रास्कल' में भी अजय और संजय को युवकों वाले रोल दिए गए थे। यूँ बॉलीवुड में अधिकाँशतः पचास कि पहुँच चुके हीरो भी अपने से आधी उम्र की हीरोइन के साथ रोमाँस करते नजर आते हैं लेकिन वो एक अलग विषय है।

शाहरुख खान से लेकर आमिर, सलमान, सैफ, अक्षय कुमार, अजय देवगन, संजय दत्त, अनिल कपूर, ऋतिक रोशन, अभिषेक बच्चन, करीना कपूर, रानी मुखर्जी, ऐश्वर्या राय, विद्या बालन, काजोल आदि जैसे कलाकार समय-समय पर अपनी उम्र से कॉलेज स्टूडेंट जैसे कम उम्र के किरदार निभा चुके हैं और ज्यादातर मामलों में वे दिखने के मामले में कसौटी पर खरे भी उतरे।

बात अगर केवल नौजवान कलाकारों द्वारा ही कम उम्र के किरदारों का अभिनय करने की हो तो फिल्म दुनिया में बैठे पुराने और दमदार कलाकारों का क्या होगा और ऐसे तो कलाकारों का टोटा ही पड़ जाएगा। फिर एक कलाकार के लिए कोई रोल चैलेंजिंग ही तब होगा जब वह उम्र की सीमा में न बँधा हो और आज तो बकायदा तकनीक और कॉस्मेटिक्स ने इतनी तरक्की कर ली है कि मर्द को 'चाची चार सौ बीस' और 60 साल के व्यक्ति को 'ऑरो' (पा) में बदला जा सकता है तो फिर किसी को कम उम्र दिखाना तो छोटी ही बात हुई।

फिर एक बात यह भी है कि आजकल सितारे न केवल फिटनेस को लेकर बेहद सतर्क रहते हैं बल्कि वे बोटोक्स और कॉस्मेटिक सर्जरी जैसी सुविधाओं को भी आमतौर पर अपना लेते हैं जो पहले मुश्किल था। फिर रहा सहा काम उनके स्टाइलिस्ट और ड्रेस डिजायनर पूरा कर देते हैं।

जरा याद कीजिए पुरानी फिल्म 'क्लर्क' जिसमें पचास साल के मनोज कुमार एक कॉलेज छात्र के रूप मे दिखाई दिए थे और उनकी उम्र पर्दे पर पकड़ में आ रही थी। ऐसे में आज के अभिनेताओं के लिए टास्क ज्यादा आसान है। तो जब तक ये तकनीकी सुविधाएँ हैं आप सितारों को युवा के रोल में देखते जाएँगे। फिर चाहे वे पचास के हों या साठ के। आखिर 'बुड्‌ढा' होना किसको अच्छा लगता है?

- रवि कुमार


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