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क्लिवेज विवाद पर बोलीं दीपिका पादुकोण

हमें फॉलो करें क्लिवेज विवाद पर बोलीं दीपिका पादुकोण
, शुक्रवार, 19 सितम्बर 2014 (12:32 IST)
एक अंग्रेजी अखबार में छपी दीपिका पादुकोण की तस्वीर को लेकर विवाद हुआ था। दीपिका के शरीर के एक खास हिस्से को लेकर अखबार में ‍लिखा गया था। इस पर दीपिका ने इस पर काफी गुस्सा दिखाया था। दीपिका ने इसे लेकर ट्‍विटर पर लिखा था और पूरा बॉलीवुड उनके समर्थन में आ गया था। इसी विवाद में दीपिका ने अपने गुस्से को उचित ठहराते हुए फेसबुक पर लिखा है कि अखबार की हेडलाइन लोगों आकर्षित करने के लिए लिखी गई और मुझे अपने शरीर की प्रशंसा में कोई परेशानी नहीं है।

दीपिका ने फेसबुक- जब तक एक औरत खुद हां नहीं कहती तब तक किसी को यह अंदाजा नहीं लगाना चाहिए कि वह सेक्स करना चाहती है। दीपिका ने आगे लिखा है कि उन्होंने यह बात इसलिए लिखी है क्योंकि सबको पता है कि देश में एक तय समाज की सोच बदलने के लिए हम कितने जोरदार तरीके से कोशिश कर रहे हैं और इसके सहारे कैसे हम एक ऐसी खुशहाल दुनिया की तरफ बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें असमानता, रेप, डर और दर्द जैसी चीजें न हों।


दीपिका ने आगे लिखा है कि मुझे अच्छे से अपने काम के बारे में पता है, मेरा काम बहुत डिमांडिंग है जो मुझसे बहुत कुछ करवाना चाहता है। किसी रोल की मांग हो सकती है कि मैं सिर से पैर तक ढंकी रहूं या पूरी तरह नेक्ड हो जाऊं और तब एक एक्टर के तौर पर यह मेरा निर्णय होगा कि मैं यह करना चाहती हुं या नहीं। यह फर्क समझना होगा कि रोल और रियल में अंतर होता है और मेरा काम मुझे दिए गए रोल को जोरदार तरीके से निभाना है।

 
जो मुझे लगता है वो मैं साफतौर पर लिख रही हूं ताकि इसे शाहरुख के एटपैक्स और किसी औरत के शरीर की बनावट के साथ उलझाया मत जाए। मैंने एक ऐसी विचारधारा के खिलाफ आवाज उठाई है जो हमें पीछे ढ़केल रही है और जिसका सहारा लोगों का ध्यान खींचने के लिए किया जा रहा है वो भी ऐसे दौर में जब हम महिलाओं के लिए समानता की लड़ाई लड़ रहे हैं। एक ऐसे वक्त में जब औरतें मर्दों के वर्चस्व वाले समाज में जगह बना रही हैं और जिसके लिए उनकी तारीफ की जानी चाहिए, हम असल जिंदगी और सिनेमा के बीच की लक्ष्मण रेखा को मिटा रहे हैं और एक साल पुरानी बात को ख़बर की तरह पेश करके अपनी सारी कोशिशें खराब कर रहे हैं। एक पुरानी ख़बर निकलकर उसकी हेडलाइन 'OMG: दीपिका क्लिवेज शो' देना पिछड़ी सोच को बढ़ावा देकर ताकत का गलत प्रयोग करना है। "

दीपिका आगे लिखती हैं कि अगर किसी अभिनेत्री के कपड़े इधर-उधर हो जाएं, तो ऐसा नहीं मान लिया जाना चाहिए कि उसने जानबूझ कर ऐसा किया होगा। ऐसे में कैमरे को जूम करने और उस विशेष हिस्से को गोल घेरे में डालने और उसपर खास ध्यान दिलवाने के लिए तीर का निशान बनाने से बेहतर होगा कि हम उस अभिनेत्री को थोड़ा सम्मान दें और ऐसी बातें जानें दें ना कि उनपर हेडलाइन बनाएं। क्या हम इंसान नहीं हैं। हां, ऐसा है कि फिल्मों में हम हिरो के एटपैक एब्स को देखकर खुश होते हैं, जलते हैं पर जब वो हीरो पब्लिक में आता है तो क्या हम उसके क्रॉच (दोनो जांघों के बीच का हिस्सा) पर कैमरा जूम करके ऐसी ही सस्ती हेडलाइन बनाते हैं?"

दीपिका ने आगे लिखा है कि ये ब्रेस्ट या शरीर के किसी और हिस्से पर ख़बर बनने की बात नहीं है। मामला यह है कि खबर किस संदर्भ में बनाई जा रही हैं या ख़बर को बेचने के लिए उसका संदर्भ कितना बदला जा रहा है। वो भी ऐसे तब में जबकि औरतों को लेकर सोच में बदलाव की बहुत जरूरत है। उन्होंने लिखा है कि उनके लिए यह बात यहीं ख़त्म हो जाती है। उन्हें इस और लंबा खिचनें में कोई दिलचस्पी नहीं है क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा करने से इसे गैरजरूरी तवज्जो मिल जाएगा। इसे और तोड़ा-मरोड़ा जा सकता है जिससे और उल्टी-सीधी ख़बरें बन सकती हैं।

एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबरों के अनुसार दीपिका के पास फिल्मों की कमी नहीं है। वे बॉलीवुड अभिनेत्रियों में विज्ञापन में सबसे ज्यादा पैसा लेती हैं। वे एक विज्ञापन के करीब 6 करोड़ रुपए लेती हैं।

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