बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार ओम पुरी का कहना है कि सिनेमा एक व्यापार बन चुका है और उन्हें जिस तरह के किरदार मिल रहे हैं, उससे वे खुश नहीं हैं। ओम पुरी ने आगामी फिल्म ‘खाप’ में एक गुस्सैल सरपंच की भूमिका निभाई है जिसमें ‘झूठी शान के खातिर हत्या’ करने का मुद्दा उठाया गया है।
पुरी ने कहा, ‘‘सिनेमा व्यापार बन गया है और मैं इससे खुश नहीं हूं। मुझे केवल मनोरंजन वाले सिनेमा में विश्वास नहीं है। मेरा मानना है कि मनोरंजन तो महत्वपूर्ण है, लेकिन इसी के साथ यह भी महत्वपूर्ण है कि हम सामाजिक मुद्दों को उठाएं। हमें सिनेमा के माध्यम से इन मुद्दों पर बात करने की जरूरत है।’’
‘हसरतें’ ‘अस्तित्व’ और ‘घर एक मंदिर’ जैसे टीवी धारावाहिकों की वजह से पहचाने जाने वाले अजय सिन्हा द्वारा निर्देशित फिल्म ‘खाप’ में खाप पंचायतों और ‘ऑनर किलिंग’ के मुद्दे को फिल्माया गया है।
पुरी ने कहा, ‘‘बेरोजगारी, अपराध और भ्रष्टाचार जैसे कई अन्य मुद्दे हैं जिन्हें प्रकाश में लाने की जरूरत है। गांवों में लोगों के पास बिजली, जल और अच्छी सड़कें नहीं हैं। अगर हम मुंबई की बात करें तो सड़कों पर बहुत गंदगी है जिसकी वजह से बीमारियां फैलती हैं।’’
यह दिग्गज कलाकार उन्हें किरदार के लिए मिल रहे प्रस्तावों से भी खुश नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन किरदारों से खुश नहीं हूं जो मुझे मिल रहे हैं। मुझे लगता है कि मैं बेहतर पाने का हकदार हूं।’’
गौरतलब है कि पुरी ने पिछले कुछ वर्षों में हेराफेरी, मालामाल वीकली, सिंह इज किंग, मेरे बाप पहले आप, और तीन थे भाई जैसी कॉमेडी फिल्में की हैं।(भाषा)