प्रकाश झा की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘आरक्षण’ में दलित किरदार को लेकर उठते विरोध के स्वरों के बीच अनुसूचित जाति आयोग ने कहा है कि नवाबों के खानदान से ताल्लुक रखने के बावजूद अभिनेता सैफ अली खान द्वारा एक दलित का किरदार निभाने में कुछ भी गलत नहीं है।
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आयोग का कहना है कि कोई भी कलाकार कैसा भी किरदार निभा सकता है और यह फिल्म के निर्देशक पर निर्भर करता है कि वह इस किरदार के लिए किस अभिनेता को उपयुक्त समझता है।
गौरतलब है कि कानपुर के एक दलित संगठन ने पटौदी नवाब खानदान से ताल्लुक रखने वाले सैफ द्वारा ‘आरक्षण’ में दलित की भूमिका निभाए जाने पर आपत्ति जताते हुए इस फिल्म के निर्देशक प्रकाश झा के पटना स्थित कार्यालय को पत्र लिखा था। प्रकाश झा ने हालांकि इन आपत्तियों को बेबुनियाद करार दिया था।
अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य राजू परमार ने कहा ‘‘कोई भी कलाकार कैसा भी किरदार निभा सकता है। इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह फिल्म के निर्देशक पर निर्भर करता है कि वह अपनी फिल्म में किसे लेना चाहता है।’’
परमार ने कहा, ‘‘सैफ अपनी जिंदगी में भले ही नवाब खानदान से हों, लेकिन फिल्म में वह कोई भी किरदार निभा सकते हैं। इस बारे में फैसला करना निर्देशक का काम है। इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। अगर फिल्म के निर्देशक को लगता है कि सैफ दलित की भूमिका के लिए उपयुक्त कलाकार हैं तो वह यह भूमिका निभा सकते हैं।’’
आरक्षण भारतीय राजनीति के बड़े मुद्दों में से एक रहा है और ऐसे में इस मुद्दे पर फिल्म बनाना कितना सही है। इस पर, राज्यसभा के सदस्य रह चुके परमार ने कहा कि आरक्षण एक संवदेनशील मुद्दा है, इससे बहुत गंभीरता से निबटने की जरूरत है क्योंकि थोड़ी सी राह भटकने पर हंगामा हो सकता है जिसे रोकने में बहुत मुश्किलें आ सकती हैं।
उनके मुताबिक आरक्षण जैसे मुद्दों पर फिल्म बनाने के लिए जरूरी है कि अनुसूचित जाति आयोग सहित अन्य संबंधित संस्थाओं और विभागों से सलाह मशविरा किया जाए ताकि बाद में परेशानी नहीं हो।
‘आरक्षण’ 12 अगस्त को रिलीज होगी और इस फिल्म में सैफ के अलावा अमिताभ बच्चन, मनोज बाजपेयी, दीपिका पादुकोण, प्रतीक बब्बर जैसे कलाकार हैं।(भाषा)