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नाम रह जाएगा : उषा मंगेशकर और हृदयनाथ मंगेशकर ने साझा की लता मंगेशकर से जुड़ी यादें

हमें फॉलो करें नाम रह जाएगा : उषा मंगेशकर और हृदयनाथ मंगेशकर ने साझा की लता मंगेशकर से जुड़ी यादें
, सोमवार, 2 मई 2022 (17:45 IST)
'क्वीन ऑफ सिंगिंग' लता मंगेशकर को 'नाम रह जाएगा' के जरिए अब तक की सबसे बड़ी श्रद्धांजलि दी जा रही है और इस शो का पहला एपिसोड आखिरकार स्टारप्लस पर प्रसारित हो गया है। बता दें इसने संगीत प्रेमियों को उत्साहित कर दिया है। ऐसे में उनकी विरासत का जश्न मनाते हुए शो में भावनात्मक मोड़ तब आया जब उषा मंगेशकर और हृदयनाथ मंगेशकर ने दर्शकों के साथ कुछ दिल को छू लेने वाली कहानियां साझा कीं।

 
'नाम रह जाएगा' के साथ स्टारप्लस ने देश के 18 लोकप्रिय गायकों के साथ 'नाइटिंगेल ऑफ इंडिया', लता मंगेशकर की महिमा को फिर से जीवंत करने के लिए एक विशेष सीरीज बनाई है। हाल ही में इस शो का पहला एपिसोड टेलिकास्ट हुआ है और यह तब और दिलचस्प हो गया जब लता जी की बहन उषा मंगेशकर को दर्शकों के साथ कुछ मजेदार किस्से साझा करते हुए देखा गया, और उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर भी लता जी के साथ अपनी खूबसूरत यादों के बारे में बात करते हुए भावुक हो गए। 
 
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अपने साथ बिताए मजेदार पलों के बारे में बात करते हुए, उषा मंगेशकर ने साझा किया, लता दीदी बहुत शरारती थीं और वह हमेशा किसी न किसी शरारत के लिए तैयार रहती थीं। लता दीदी को नाटकों का आयोजन करना पसंद था, जहां वह गाती थीं। लता दीदी हमेशा तुकाराम महाराज की भूमिका निभाती थीं और वह हमारी बहनों आशा दी और मीना दी को अपनी छात्र बनाती थीं और उन्हें गाने के लिए कहती थीं। मुझे याद है कि वह कहती थी 'अब में जाती हूं स्वर्ग में' और फिर वह नीचे कूद जाती थीं।
 
इसके अलावा, लता जी के भाई, पंडित हृदयनाथ मंगेशकर ने लता जी के प्रति स्नेहपूर्ण भाव दिखाने के बारे में बोलते हुए कहा, मैं 5 साल का था इसलिए मेरी मां ने मुझे ले लिया क्योंकि हमारे पिता का मेरे सामने निधन हो गया। डेथ, डिमाइस और गुजर जाना, ये मेरे लिए बस कुछ शब्द थे, मुझे नहीं पता था कि इसका क्या मतलब है, मैं इसके लिए बहुत छोटा था। लेकिन हां मैं निश्चित रूप से तबाह हो गया था, मुझे लगा कि कुछ सही नहीं है। मुझे याद है लता दीदी आई और वह हमारे लिए चिवड़ा, सेव, और अन्य फरसान लाई। उन्होंने मुझे अपनी गोद में ले लिया और मुझे खिलाया। दूसरों के लिए, वह लता मंगेशकर थी, लेकिन मेरे लिए, वह मेरी दीदी थी।
 
उन्होंने यह भी कहा, लता मंगेशकर ऐसे ही लता मंगेशकर नहीं बनीं। उन्हें बहुत कुछ सहना पड़ा, उन्होंने बहुत संघर्ष किया। कई बार उन्हें लगता था कि वह अनाथ हैं, उनका कोई नहीं है और इतनी उतार-चढ़ाव के बाद वह जिस तरह से खड़ी हुई, वहीं उन्हें एक लीजेंड बनाता है।
 
'नाम रह जाएगा' दिवंगत लता मंगेशकर की उस परम आवाज को श्रद्धांजलि देने के लिए कई पॉपुलर गायकों को लाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिसने हमें भावना और आशा से भर दिया। 8 एपिसोड की घंटे भर की लंबी यही सीरीज 1 मई, 2022 से स्टारप्लस पर दिखाई जा रही है, जिसका पहला एपिसोड बेहद शानदार रहा।
 

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