अध्ययन सुमन ने ‘जश्न’ मनाने की पूरी तैयारी कर ली थी। उन्हें उम्मीद थी कि सोलो हीरो के रूप में की गई उनकी फिल्म ‘जश्न’ बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड तोड़ डालेगी। फिल्म ने रिकॉर्ड तो जरूर बनाया, लेकिन कम व्यवसाय का।
जब फिल्म लगी और थिएटर में चंद दर्शक नजर आएँ तो अध्ययन कहने लगे कि धीमी शुरुआत तो ‘तारे जमीं पर’ की भी हुई थी। एक-दो दिन गुजरे। दर्शकों की संख्या सिनेमाघर के कर्मचारियों से भी कम थी, लेकिन अध्ययन ने हिट की उम्मीद नहीं छोड़ी।
धीरे-धीरे पूरा सप्ताह पूरा हो गया और सिनेमाघर मालिकों ने फिल्म को उतारने में देर नहीं लगाई। अध्ययन को तब जाकर समझ में आया कि वे कामयाबी का जश्न नहीं मना पाएँगे। बेचारे अध्ययन, कब तक ढोंग करते।