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व्हाट द फिश की कहानी

हमें फॉलो करें व्हाट द फिश की कहानी
बैनर : वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स, टिपिंग पाइंट फिल्म्स
निर्माता : कुमुद शाही मलिक, के. आर. हरीश
निर्देशक : गुरुमीत सिंह
संगीत : अमर्त्य राहुत, इंद्रनील हरिहरन, ध्रुव ढल्ला, संदीप चटर्जी
कलाकार : डिम्पल कपाड़िया, मनु ऋषि चड्ढा, मनजोत सिंह, आनंद तिवारी
रिलीज डेट : 13 दिसम्बर 2013

67 वर्षीय सुधा मिश्रा का तलाक हो चुका है। ऊर्जा से भरपूर सुधा वर्तमान में जीती है। नई दिल्ली स्थित वसंत कुंज में उसका घर है। उसका बेटा कन्फ्यूज और गुस्सैल किस्म का इंसान है और टीवी निर्देशक के अपने करियर को छोड़ चुका है। सुधा को बाहर जाना था और अपने घर की जिम्मेदारी वह अपनी भतीजी के मंगेतर सुमित को सौंपती है। सुमित की जिम्मेदारी है कि वह मछलियों को खाना दे। पौधों को पानी दे। सारे काम गंभीरता से करे।

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बेफिक्र होकर सुधा जाती है और कई दिनों बाद लौटती है। एक जासूस की तरह वह घर की जांच करती है। मछलियों और मनीप्लांट को बारीकी से देखती है। हर चीज उसे बिलकुल सही नजर आती है। जैसे ही वह अपने बेडरूम का दरवाजा खोलती है एक महिला भाग खड़ी होती है। सुधा के घर में सुमित ने अपने दोस्तों की पार्टी रखी है। सारे दोस्त वे नियम तोड़ते नजर आ रहे हैं जो सुधा ने बनाए हैं। घर का एक हिस्सा सुमित ने हरियाणवी जाट और मिजोरम में रहने वाली एक फैमिली को किराए पर दे रखा है। सुधा यह जानना चाहती है कि सुमित ने ऐसा क्यों किया?

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