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एक्शन जैक्सन : फिल्म समीक्षा

हमें फॉलो करें एक्शन जैक्सन : फिल्म समीक्षा

समय ताम्रकर

, शुक्रवार, 5 दिसंबर 2014 (14:31 IST)
हिंदी फिल्मों में शत-प्रतिशत सफलता का रिकॉर्ड रखने वाले निर्देशक प्रभुदेवा की ताजा फिल्म 'एक्शन जैक्सन' उनकी सबसे कमजोर फिल्म है। ऐसा लगता है कि बिना किसी तैयारी के उन्होंने यह फिल्म महज पैसों के लिए बनाई है। निर्माता से पैसा लिया और अगले दिन से शूटिंग शुरू। जो मन में आया बना डाला। 
 
प्रभुदेवा ने राउडी राठौर और वांटेड के रूप में दो बेहतरीन मसाला फिल्म बनाई हैं, लेकिन 'एक्शन जैक्सन' मसाला फिल्मों की परिभाषा पर भी खरी नहीं उतरती। सी-ग्रेड मूवी की तरह है 'एक्शन जैक्सन' जिससे प्रभुदेवा, अजय देवगन, सोनाक्षी सिन्हा जैसे ए-ग्रेड के स्टार और निर्देशक जुड़े हुए हैं। 
 
फिल्म में बेहूदा बातों से मनोरंजन करने की कोशिश की गई है। मसलन, अपने आपको बदकिस्मत मानने वाली लड़की को लगता है कि वह फलां लड़के को नग्न देख लेती है तो उसकी किस्मत बदलने लगती है, लिहाजा वह उस लड़के को नग्न देखने के लिए ही उसके आसपास घूमती रहती है। अब बताइए, इस तरह तरह की बातों से भला कैसे मनोरंजन हो सकता है। तरस आता है फिल्म के लेखक और निर्देशक की बुद्धि पर। 
कहानी है विशी (अजय देवगन) नामक एक छोटे-मोटे बदमाश की। अचानक उसके पीछे पुलिस और एक इंटरनेशनल डॉन जेवियर (आनंद राज)  पड़ जाते हैं। उसे समझ में नहीं आता है कि आखिर हो क्या रहा है। माजरा समझ में आने के बाद इस स्थिति से निपटने के लिए वह जेवियर से मिलने बैंकॉक जाता है। 
 
इस बचकानी सी कहानी पर निर्माताओं ने करोड़ों रुपये लगा दिए क्योंकि उन्हें प्रभुदेवा के ‍प्रस्तुतिकरण पर विश्वास था। प्रभुदेवा की फिल्मों की कहानी बेहद साधारण होती है, लेकिन उनका प्रस्तुतिकरण इतना मनोरंजक होता है कि दर्शक खुश हो जाते हैं। 'एक्शन जैक्सन' में प्रभुदेवा का प्रस्तुतिकरण बेहद लचर है। उन्होंने सारा काम वीएफएक्स और ‍एडीटर के जिम्मे छोड़ दिया है, जिन्होंने फिल्म की वाट लगाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। 
 
फिल्म में इतने कट लगाए गए हैं कि आंखों में दर्द होने लगता है। फिल्म में रंगों को इतना चटक किया गया है कि आंखें चौंधियाने लगती है।
फिल्म की स्क्रिप्ट एकदम लचर है। शुरुआत के पन्द्रह-बीस मिनट में ही समझ में आ जाता है कि आगामी कुछ घंटे परेशानी में गुजरेंगे। विशी के पीछे पुलिस और डॉन क्यों लगे हैं इस बात पर रहस्य का पर्दा इतने लंबे समय तक डाला है कि इंटरवल हो जाता है। तब तक बकवास दृश्यों के सहारे फिल्म को खींचा गया है। कॉमेडी ट्रेक न हंसाता है और न ही रोमांटिक ट्रेक दिल को छूता है। हीरो-हीरोइन का जब मूड होता है तो वे नाचने के लिए विदेश चले जाते हैं। 
 
फिल्म में हर बात को जबरन थोपा गया है चाहे वो डांस हो, एक्शन सीन हो या संवाद। कही से भी कुछ भी टपक पड़ता है। बैकग्राउंड म्युजिक इतना तेज है कि सर दर्द की शिकायत हो सकती है। 
 
अजय देवगन आउट ऑफ फॉर्म नजर आए। डांस करते समय असहजता उनके चेहरे पर नजर आती है और उनके इस फिल्म के चयन पर सवाल उठाए जा सकते हैं। सोनाक्षी सिन्हा तो आधी फिल्म से ऐसे गायब हो जाती हैं कि दर्शक भूल जाते हैं कि वे इस फिल्म में हैं। करने के लिए उनके पास इस फिल्म में कुछ भी नहीं था। यामी गौतम निराश करती हैं। मनस्वी ममगई ने निगेटिव किरदार सेक्स अपील के साथ पेश किया है। आनंदराज खलनायक के रूप में डराने में नाकामयाब रहे। कुणाल राय कपूर ने जरूर थोड़ा-बहुत हंसने का अवसर दिया है। फिल्म का तकनीकी पक्ष भी बेहद लचर है। फिल्म के एक-दो गाने ठीक है बाकी दर्शकों को ब्रेक देने का काम करते हैं। 
 
एक भी ऐसा कारण नहीं है जिसके लिए 'एक्शन जैक्सन' का टिकट खरीदा जाए। 
 
बैनर : बाबा फिल्म्स, इरोज इंटरनेशनल
निर्माता : गोर्धन तनवानी, सुनील ए. लुल्ला
निर्देशक : प्रभुदेवा
संगीत : हिमेश रेशमिया
कलाकार : अजय देवगन, सोनाक्षी सिन्हा, यामी गौतम, कुणाल रॉय कपूर, मनस्वी ममगई, आनंद राज, शाहिद कपूर (अतिथि कलाकार) 
सेंसर सर्टिफिकेट : यूए * 2 घंटे 24 मिनट 39 सेकण्ड
रेटिंग : 1/5

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