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गेमिंग में रोजगार के अवसर

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भारत में मिंग इंडस्ट्री में हो रहे वि‍कास को देखते हुए गेमिंग इंडस्ट्री में तकनीकी विशेषज्ञों की माँग बढ़ रही है। इस वर्ष के अंत तक एनिमेशन इंडस्ट्री में लगभग 3 लाख लोगों की आवश्यकता पड़ेगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, वर्तमान में एनिमेशन उद्योग में करीब 3 लाख लोगों की जरूरत है। इस उद्योग में मुख्य रूप से प्रोफेशनल लोगों की किल्लत है।

यही नहीं, गेम डिजाइन विशेषज्ञों के साथ साथ प्रशिक्षित गेम डिजाइनरों की भी भारी मांग है। इस दिशा में आपूर्ति की लिए मैक जैसी संस्थानों ने 'गेम डिजाइन व इंटरग्रेशन' में एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स जैसे कई अन्य कोर्स लांच किए हैं। इन पाठ्यक्रमों में गेम तकनीक के साथ साथ गेम इंजन इंटरग्रेशन भी सिखाया जाएगा।

इस दिशा में आगे मूविज व टीवी प्रसारण जैसे क्षेत्रों में जाने के रास्ते भी खुल जाते हैं। फिलहाल भारत में लगभग 300 पंजीकृत एनिमेशन कंपनियाँ है जिनमें 12000 से अधिक लोग नौकरी करते हैं और करीब 3000 फ्रीलांसर काम करते हैं। वित्त वर्ष 2007 में भारतीय एनिमेशन उद्योग की कुल संपति करीब 1595 करोड़ रुपए आंकी गई थी जो कि प्रति वर्ष 24 से 30 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रही है।

एक ताजा सर्वेक्षण के अनुसार भारतीय मनोरंजन और मीडिया इंडस्ट्री, जो कि वर्ष 2006 में 11 अरब रुपए की थी, वर्ष 2011 में बढ़कर 29 बिलियन रुपए हो जाएगी। इसी तरह गेमिंग इंडस्ट्री, जो कि उस समय 2 अरब रुपए की है, बढ़कर (लगभग 68 प्रतिशत वृद्धि) 28.5 अरब तक पहुँच जाएगी।

विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि एनिमेशन उद्योग में गेमिंग के अलावा फिल्मों में बढ़ता इस्तेमाल एनिमेशन जगत से इतर काफी लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएगा।

प्रिंस ऑफ पर्शिया से लेकर जीटीए सेन एंड्रयूच, कॉल ऑफ ड्युटी, ऐंससेंस क्रीड मास इफेक्ट जैसे गेम्स आज युवाओं के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं। तो अगर आपका बच्चा गेम्स में अधिक रुचि लेता है तो इस विषय में गंभीरता से सोचिए। क्या पता, खेल-खेल में वो अपना भविष्य संवार ले!!!

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