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विचारों को दीजिए सही दिशा

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-राजमल मुजावदिय
व्यक्ति की सोच के अनुरूप ही कार्य की दिशा तय होती है। विचार करने की सही दिशा भविष्य को सँवारने में निर्णायक होती है। वैचारिक शक्ति जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उपयोगी है। विचारशील व्यक्ति ही महत्वपूर्ण योजनाएँ बनाकर सफलता प्राप्त करते हैं। विचार करके जिस दिशा में भी कदम रखेंगे, उसमें मजबूती होगी।

मनुष्य को किसी भी कार्य करने के लिए विचारों की आवश्यकता पड़ती है। बिना विचार किए लिया गया निर्णय कभी भी अपेक्षित परिणाम नहीं देगा। प्रत्येक व्यक्ति चाहे गरीब हो या अमीर, शिक्षित हो या अशिक्षित, विचार जरूर करता है। व्यक्ति की सोच के अनुरूप ही कार्य की दिशातय होती है। विचार करने की सही दिशा भविष्य को सँवारने में निर्णायक होती है। वैचारिक शक्ति जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उपयोगी है। विचारशील व्यक्ति ही महत्वपूर्ण योजनाएँ बनाकर सफलता प्राप्त करते हैं। विचार करके जिस दिशा में भी कदम रखेंगे, उसमें मजबूती होगी।

जीवन का दृष्टिकोण बदलने में अहम भूमिका निभाते हैं विचार। अच्छे विचारों को ग्रहण करने तथा बुरे विचारों को निकाल फेंकने के लिए दृढ़ निश्चय की आवश्यकता है। असफलता तथा निराशा रूपी विचार मन में होना सुख-समृद्धि के विरुद्ध है। इसलिए मन में सदा उत्साह बनाए रखिए और निरंतर सुख-समृद्धि की कामना करते रहिए। मन विचार रूपी खेत है। उसमें जैसे बीज डालेंगे वैसी ही फसल कटेगी। समृद्धि के बीज बोएँगे तो समृद्धि काटेंगे और निराशा के बीज बोएँगे तो असफलता ही हासिल होगी। विचार निराशाजनक नहीं होने चाहिए। उसमें साहस, विश्वास तथा आशा का संगम होना चाहिए।

विचारों को सबसे अधिक ताकत सकारात्मक सोच से मिलती है। सकारात्मक सोच से काम करने की दिशा सही होगी। न भटकाव होगा, न ठहराव। विचारों को सही दिशा देने के लिए इन बातों पर गौर करना जरूरी हैं-

* सकारात्मक दृष्टिकोण रखकर ही विचार प्रकट कीजिए। नकारात्मक चिंतन वाला व्यक्ति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से तिरस्कार का भाजन बनता है। उससे मिलने में किसी को प्रसन्नाता नहीं होती है।

* आशावादी विचारों को मन में रखकर निरंतर दोहराते रहिए। आप स्वयं महसूस करेंगे कि कदम सफलता की ओर बढ़ रहे हैं।

* विचारों पर यथाशीघ्र निर्णय लेने की आदत डालिए। ऐसा नहीं हो कि आप विचार में ही समय नष्ट कर दें और सफलता कोसों दूर चली जाए। लक्ष्य पहले से ही तय होना चाहिए ताकि काम में आसानी हो। घबराहट तथा जल्दी में लिया गया निर्णय अपेक्षित सफलता तक नहीं पहुँचता है।

* संकीर्णता से भरा विचार मन से निकाल फेंकिए। संकीर्ण विचार वाले व्यक्ति की सोच का दायरा बहुत छोटा होता है। संकीर्ण विचार अविकसित मानसिकता का प्रतीक है।

* विचारों में परिवर्तन से काम में स्थायित्व नहीं रहता है। ठोस व मजबूत विचारों वाला व्यक्ति सफलता सहजता से प्राप्त कर सकता है। बार-बार विचारों में परिवर्तनों निराशा ही उत्पन्ना करता है।

* स्पष्ट तथा महत्वाकांक्षी विचार वाला व्यक्ति हमेशा सम्मान का पात्र होता है। विचारों में परिपक्वता लाना जरूरी है, तभी आत्मविश्वास पैदा होगा।

* विचारों को कल्पना रूपी ढाँचे में ढालकर उसके अनुरूप दिशा तय कीजिए। कल्पना की ऊँची उड़ान भरकर निरंतर जीवन पथ आगे बढ़ते रहिए।

* जीवन में उन्नाति चाहते हैं तो विचारों को योग्यता की तराजू पर तौलें। उससे अधिक ही प्राप्त करने की कोशिश करें। जितना खर्च करने की मंशा हो उससे अधिक कमाई करने का प्रयत्न करें।

* जीवन की दौड़ में आगे बने रहने के लिए रफ्तार तेज होना जरूरी है। विचारों को गतिशील बनाने से जीवन की दौड़ में अव्वल स्थान प्राप्त किया जा सकता है।

* चिंतनशील व्यक्ति के पास विचारों का खजाना होता है। चिंतन को सही दिशा मिल सकती है। अच्छे से अच्छा परिणाम प्राप्त करने के लिए चिंतन-मनन जरूरी है।

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