Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

गुरु-चन्द्र ने बनाया श्रीराम को आदर्श

जानिए, श्रीराम की जन्मकुंडली के सितारे

हमें फॉलो करें गुरु-चन्द्र ने बनाया श्रीराम को आदर्श
webdunia

पं. अशोक पँवार 'मयंक'

श्रीराम आदर्श मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान के रूप में जाने जाते हैं। राम का अवतार भगवान विष्णु का अवतार माना गया है। जब ऋषि-मुनियों पर अत्याचार बढ़ने लगा तब भगवान विष्णु जी ने राम के रूप में इस पावन धरा पर अवतरण लिया और इनके प्रबल सहयोग के लिए भगवान शिव ने संकटमोचन बजरंग बली के रूप में जन्म लिया।

भगवान राम का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी, गुरु पुष्य नक्षत्र, कर्क लग्न में राजा दशरथ व माता कौशल्या के पुत्र के रूप में जन्म हुआ।


webdunia
FILE


श्रीराम की कुंडली में मन का कारक चंद्रमा जल तत्व प्रधान है। चंद्रमा लग्न में ही स्वराशि का होकर शत्रु, नाना, मामा रोग भाव का स्वामी होकर नवम (भाग्य धर्म व यश भाव) के स्वामी गुरु के साथ है। गुरु ज्ञान व न्याय का कारक है और चंद्र के साथ होने से गजकेसरी नाम का राजयोग बना रहा है। यहां पर केन्द्र व त्रिकोण भाव का स्वामी साथ होने से लक्ष्मीनारायण योग भी बन रहा है अतः आप अयोध्यापति राजा दशरथ के यहां जन्मे।

चंद्र शीतलता का कारक है और गुरु ज्ञान, इन दोनों ने मिलकर आपको शांत व धीर-गंभीर बनाया। ऐसे जातक में विरोधियों को क्षमा करने की प्रवृति होती है। गुरु-चंद्र किसी भी पत्रिका में लग्न में इस अवस्था में हो तो जातक गुणवान, ज्ञानवान, धर्म-कर्म को मानने वाला व क्षमावान होता है।

भाग्य भाव में एकादशेश (आय व सुख भाव का स्वामी) शुक्र उच्च का होकर नवम भाव में है, इस कारण आप धनवान, घर में जन्मे। सुख-संपदा से भरपूर होते हुए भी आप जीवन भर संघर्षरत भी रहे। इसका कारण ग्रहों की नीच दृष्टियां रही।


webdunia
FILE


सूर्य की सुख भाव (चतुर्थ) पर व शनि की दृष्टि राज्य भाव व पिता भाव (दशम) पर पड़ी। इस वजह से पिता का भरपूर सुख नहीं मिला व राजसुख भी बाधित रहा। मंगल षष्ट भाव में मित्र राशि धनु में होने से शत्रु ‍नाशकारी है।

श्रीराम की पत्रिका में राजयोग की भरमार है- गजकेसरी योग, शश योग, हंस योग। लेकिन इतने योगों को शनि-मंगल के दृष्टि संबंध ने बिगाड़ दिया, तभी राम का दांपत्य जीवन भी वियोगकारी रहा।

सप्तमेश शनि के चतुर्थ भाव में होने से ही माता सीता का पृथ्वी में समा गई क्योंकि चतुर्थ भाव भूमि का रहता है।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi