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बकरी का दूध पीने से बढ़ती है प्रतिरोधक क्षमता

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अवनीश कुमार

, मंगलवार, 1 जून 2021 (05:42 IST)
लखनऊ। देश में जहां कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण अपना कहर बरपा रहा है, वहीं डॉक्टर अपने फर्ज को बखूबी निभाते हुए लोगों की जान बचाने में जुटे हुए हैं। लोगों को पौष्टिक आहार के साथ-साथ ऐसी चीजें खाने की भी सलाह दी जा रही है, जिससे इम्यूनिटी बढ़ सके।
 
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कृषि विज्ञान केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रकेश राय ने लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बकरी का दूध पीने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि बकरी के दूध का सेवन करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। 
 
नियमित लें 240 ग्राम बकरी का दूध : डॉक्टर चंद्रकेश राय ने कहा कि वर्तमान समय में कोविड-19 की दूसरी लहर के संक्रमण से पूरा देश जूझ रहा है। कोरोना का प्रकोप उन लोगो में ज्यादा हो रहा है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय लोगों को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर जोर दे रहा है। डॉ. राय ने कहा कि लोग यदि अपने आहार के साथ 240 ग्राम बकरी का दूध रोजाना लेना शुरू कर दें तो उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता तेजी से बढ़ सकती है।
 
बकरी के दूध में पाया जाता है प्रोटीन : डॉ. राय ने बताया कि शोध में बात सामने आई है कि बकरी के दूध में 2.61- 4.1℅ प्रोटीन पाई जाती है तथा तथा दिन भर जंगल में चरते समय बकरी अनेकों प्रकार की जड़ी-बूटियां तथा वनस्पतियां खाती रहती है, जिनमें लगभग हर तरह के सूक्ष्म तत्व पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं। बकरी का दूध किसी प्रकार की एलर्जी भी नहीं करता है। अतः इसे हर उम्र का व्यक्ति ले सकता है।
 
बकरी का दूध ज्यादा फायदेमंद : डॉक्टर चंद्रकेश राय ने कि बकरियों के दूध में गाय की तुलना में कैल्सियम-13%, विटामिन ए-25%, पोटाश-134%, नियासिन-3 गुना, ताम्बा-4 गुना तथा 27% एंटीऑक्सीडेंट (सेलेनियम) अधिक पाया जाता है। उन्होंने कहा कि एगलूटिनिन कंपाउंड न होने के कारण बकरी के दूध के वसा कण छोटे होने के कारण यह आसानी से पच जाता है।
 
लैक्टोस इन्टॉलरेंस के मरीज भी इसे आसानी से पचा सकते हैं। अर्थात जिन्हें दूध से एलर्जी है, वे भी इसे पी सकते हैं। पशु वैज्ञानिक ने कहा कि बकरी के दूध में भरपूर मात्रा में सेलेनियम होने के कारण ग्लूटाथियोन की उपलब्धता बढ़ जाती है। इस कारण बकरी का दूध कैंसर के रोगियों के लिए भी काफी फायदेमंद सिद्ध हुआ है। बकरी के दूध से खून में प्लेटलेट की संख्या तेजी से बढ़ने के कारण ही यह डेंगू बुखार उपचार में सफल रहा है तथा शहरी क्षेत्रों में इसकी मांग बहुत तेजी से बढ़ी है।
 
डॉ राय ने बताया कि बकरी के दूध में गाय के दूध की तुलना में 4-5 गुना ओलिगोसैकेरैड (250-300 मि.ग्रा./लीटर) ज्यादा पाए के कारण यह प्रीबायोटिक गुणों से भरपूर होता है। प्रीबायोटिक तत्वों से पूर्ण होने के कारण यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को दिया जा सकता है, जो कि आसानी से पच जाता है।
 
उन्होंने बकरी के दूध में वैज्ञानिक तथ्य प्रस्तुत करते हुए बताया कि मोनोअनसैचुरेटेड, पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड एवं मीडियम चैन ट्राई ग्लिसेराइड की उपलब्धता के कारण यह हृदय रोगियों के लिए भी उपयोगी है तथा वर्ष 2004 में वैज्ञानिक अनुसंधान के दरमियान फेफड़ों से संबंधित बीमारियों के इलाज में भी बकरी के दूध का प्रयोग सफलतापूर्वक किया जा चुका है। 
 
5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को जरूर दें बकरी का दूध : डॉ. राय का कहना है कि 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नियमित 250 ग्राम बकरी का दूध पिलाना शुरू कर दिया जाए तो कोरोना की तीसरी लहर से नौनिहालों को सफलता से बचाया जा सकता है।
 
प्रयोग की विधि : दूध को बारीक कपडे या छन्नी से छानकर 3-4 उबाल लेने के बाद ठंडा करके रख लें। पीने से पहले थोड़ा गर्म करके सादा या दूध में हल्दी पाउडर मिलाकर पीने पर प्रतिरोध क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।

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