Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

आप हमें निराश नहीं करेंगे

हमें फॉलो करें आप हमें निराश नहीं करेंगे

विनय छजलानी

शुक्रवार नतीजों का दिन था। आज के दिन दो विभिन्न बोर्ड के 10वीं और 12वीं के नतीजे आए हैं। कोई भी नतीजा या परिणाम किसी एक के लिए सुखद होता है तो किसी दूसरे के लिए दुःखद। इन नतीजों के साथ भी ऐसा ही हुआ होगा। किसी बच्चे ने सफलता के परचम लहराए होंगे तो किसी के हाथ निराशा आई होगी।

जिंदगी का चक्र ऐसे ही चलता है। कामयाबी आज किसी के हिस्से में आई है तो कल किसी दूसरे के हिस्से में आएगी। इसी कारण कई बार जिंदगी के अनेक मोड़ों पर असफल होने वाले लोग भी एक दिन सफलता के ऐसे झंडे गाड़ते हैं कि दुनिया देखती रह जाती है। इन्हीं में से एक नाम है बिजली के बल्ब के आविष्कारक प्रसिद्ध वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडीसन का, जिन्होंने कि एक हजार बार असफल होने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और बल्ब का आविष्कार कर दुनिया को रोशनी दी।

आप सोच रहे होंगे कि मैं यहाँ इन सबका जिक्र क्यों कर रहा हूँ। वह इसलिए कि अकसर देखने में आया है कि बच्चों के ऊपर परीक्षा परिणामों का अतिरिक्त दबाव रहता है। इसी दबाव के कारण जब परिणाम उनकी अपेक्षा के अनुरूप नहीं आते तो वे हताश होकर कई बार अनपेक्षितकदम उठा लेते हैं। तब हमारे पास अफसोस करने के सिवाय कुछ नहीं बचता। इसलिए हम सभी का दायित्व है कि मनमाफिक परिणाम न आने की स्थिति में निराश और हताश बच्चों को संबल दें, उनका मनोबल बढ़ाएँ।

हम पालकों से विशेष रूप से अनुरोध करेंगे कि वे इस काम मेंहमारा साथ दें क्योंकि अधिकतर ऐसी स्थितियाँ उनकी महत्वाकांक्षाएँ पूरी न होने के कारण ही होती हैं। असल में पालक अपने बच्चों पर अच्छे अंकों से पास होने का ऐसा मानसिक दबाव बनाते हैं कि परिणाम विपरीत आने पर बच्चा तनावों से घिर जाता है और जब तनाव असहनीयहो जाता है तो वह खुद का अहित करने की सोचने लगता है। इसलिए बच्चों के मन में असफलता का इतना डर पैदा न करें कि वह उनके दिलो-दिमाग में घर कर जाए और बाद में आपके पास पछताने के सिवाय कुछ न रहे।

एक अच्छे पालक को अपने बच्चे को नाकामियों का सामना करना सिखाना चाहिए ताकि वह उन्हें कामयाबियों में बदल सके। साथ ही हम बच्चों से कहेंगे कि आज यदि आपको किसी भी कारण से अच्छे अंक नहीं मिले हैं तो निराश या हताश होकर कायरों की तरह गलत कदम उठाने की बजाय एक साहसी बच्चे की तरह परिस्थिति का हिम्मत से सामना करें। क्योंकि अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है।

यह सोचें कि आज का दिन आपके लिए नहीं था। लेकिन कल जरूर आपका है। अभी से अपनी आगामी परीक्षाओं की तैयारी में पूरी शिद्दत से जुट जाएँ। निश्चित ही आप अपने जज्बे से कल को अपने नाम कर अपना और अपनों का नाम रोशन कर सकते हैं। हमें उम्मीद है कि आप हमें और अपनों को निराश नहीं करेंगे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi