Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

भोपाल गैस कांड : भरे नहीं हैं पुराने ज़ख्म

हमें फॉलो करें भोपाल गैस कांड : भरे नहीं हैं पुराने ज़ख्म
3 दिसंबर 1984 को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मिथाइल आइसोसाइनेट के टैंकर फटने से हजारों लोग प्रभावित हुए। गैस का असर इतना खतरनाक हुआ कि कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।


 
 दरअसल, पुराने भोपाल इलाके में जहां यह फैक्ट्री स्थापित की गई थी वहां गैस के दुष्परिणाम आज भी देखे जा सकते हैं। पिछले कई सालों से भोपाल गैस कांड के कथित आरोपी एंडरसन को सजा देने की बात चल रही थी बावजूद इसके एंडरसन को कभी भारत नहीं लाया जा सका, पिछले दिनों एंडरसन की मौत के साथ मामला दबता नजर आ रहा है। 
 
लेकिन अभी भी भोपाल गैस के पीड़ितों ने आस न हारते हुए, अमेरिका में यूसीसी कंपनी के खिलाफ अपनी जंग को जारी रखा है। वादियों का दावा है कि यह वही कंपनी है जिसके प्लांट की संरचना व प्लांट में मिथाइल आइसोसाइनाइट लाने में योगदान रहा है। जिसके चलते कंपनी के खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए। देखना होगा कि 3 दिसंबर को भोपाल गैस कांड की बरसी के दिन हताहत लोगों को हम और देश के कर्ता-धर्ता कैसे श्रृद्धांजलि देते हैं, आखिर यह हमारी संवेदना और मानवता का तकाजा है।      

webdunia

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi