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वैवाहिक समस्या के लिए लक्ष्मी के चमत्कारि‍क मंत्र

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उमेश दीक्ष‍ित
दीपावली पर मां लक्ष्मी की आराधना करने से न केवल धन संबंधी बल्कि हर प्रकार की समस्याएं समाप्त हो जाती है। आर्थि‍क समस्याओं के अलावा विवाह से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए भी महालक्ष्मी की आराधना की जाती है। जानिए वैवाहिक या विवाह संबंधी बाधाओं के निवारण हेतु मां लक्ष्मी के सिद्ध मंत्र -  

 
विवाह न होना और यदि विवाह हो गया है तो दांपत्य जीवन सुखमय न बीता पाना। गृह कलह के कारण विवाह टूटना आदि सभी वैवाहिक जीवन के बाधाओं को दूर करने के लिए स्त्री और पुरुषों के लिए अलग-अलग मंत्र जप का विधान है।कुंडली के योग अनुसार यहां कुछ मंत्र दिए जा रहे हैं जिनका जप करके तुरंत ही उपरोक्त समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है।
 
अगले पन्ने पर, यदि टूट रहा है गृहस्थ जीवन तो जपें यह मंत्र...

जिन स्त्रियों की जन्मकुंडली में वैधव्य योग हो या गृहस्थ जीवन टूटने की संभावना हो, तो उन्हें निम्न मंत्र का जप करना चाहिए। श्रद्धापूर्वक मंत्र जप किए जाने से निश्चित ही दांपत्य जीवन बचा रहेगा और जीवन में सुख आएगा।

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 ॐ ॐ ह्रीं ॐ क्रीं ह्रीं ॐ स्वाहा।
जप नियम : दीपावली से निम्न मंत्र की एक माला पूर्व मुखी हो पति के चित्र के सामने शुद्धावस्था में नित्य जपें।
 
 
 
अगले पन्ने पर, जिन कन्याओं के विवाह में हो बाधा, जपें यह मंत्र...

जिन कन्याओं के विवाह होने में बाधा आ रही हो, रिश्ते आते हैं लेकिन संबंध जम नहीं पाता, कुंडली के योग या शत्रुओं के कारण भी कई दफे संबंध जमते-जमते टूट जाते हैं। ऐसे में यह मंत्र जपें...

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देहि मे आरोग्यं देहि मे परमं सुखम। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विशो जही।
जप नियम : ऐसी कन्याएं पवित्र अवस्था में आसन पर लाल वस्त्र का प्रयोग करते हुए निम्न मंत्र का जाप नित्य करें।
 
 
अगले पन्ने पर, जिन पुरुषों का विवाह नहीं हो रहा, वे जपें यह मंत्र..

ऐसे पुरुष जिनका विवाह नहीं हो रहा है। विवाह में देरी हो रही हो। रिश्ते आते हैं, लेकिन संबंध जम नहीं पाता, कुंडली के योग या शत्रुओं के कारण भी कई दफे संबंध जमते-जमते टूट जाते हैं। ऐसे में वे पुरुष यह मंत्र जपें...

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ॐ कामदेवाय विद्‍महे पुष्प बाणाय धीमहि तन्नो अनंग: प्रचोदयात।
जप नियम : पवित्र रहकर अच्छे से साफ-सुधरे आसन पर बैठकर विधि-विधान से निम्न मंत्र की एक माला नित्य करें।
 
 
अगले पन्ने पर, कुंडली के बाधाओं से मुक्ति के लिए यह मंत्र जपें..

किसी-किसी की कुंडली में कई ग्रह अस्त, वक्री या शत्रु राशि में रहते हैं। ऐसे में किस-किस का इलाज करें, समस्याओं का निदान संभव नहीं। सभी तरह के कुंडली दोष के लिए निम्न मंत्र का जप करें, निश्चित सफलता मिलेगी।

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ॐ नमो भास्कराय मम सर्व ग्रहाणां पीड़ानाशनं कुरु कुरु स्वाहा।
जप नियम : निम्न मंत्र का दीपावली की रात्रि को विधि-विधानपूर्वक यथाशक्ति 10,000 जप करें। फिर नित्य एक माला करने से ग्रह पीड़ाएं दूर की जा सकती हैं।
 
 
अगले पन्ने पर, गृह कलह और दरिद्रता दूर करें इस मंत्र से..

कई घरों में कलह, भय, बाधा, बेचैनी, धन हानि, दरिद्रता आदि रोग रहते हैं। इसके कारण जीवन दुखमय बन जाता है। सभी दुखों से छुटकारा पाने के लिए यह मंत्र नित्य जपें..

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 ॐ ह्रीं दुर्वत्तानामशेषाणां बल हानि करं परम्। रक्षा भूत पिशाचानां पठनोदय नाशनम् ह्रीं ॐ ।
जप नियम : पवित्र होकर किसी कुश के आसन पर बैठक ‍विधि-विधान से निम्न मंत्र का जप श्रद्धापूर्वक करें तो लाभ होगा।
 
 
नोट : उक्त मंत्रों को जपते वक्त सभी तरह की पवित्रता और उच्चारण की शुद्धता रखना जरूरी है। जप का समय निश्चित हो तथा बैठक स्थान उत्तर या पूर्व मुखी हो। श्रद्धा और विश्वास हो, तभी कार्य करने से सफलता मिलती है। उक्त सभी के संबंध में किसी जानकार पंडित से सलाह लें।

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