Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

साँझ ढले, तब दीप जले

हमें फॉलो करें साँझ ढले, तब दीप जले

अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'

ND
तमसो मा ज्योतिर्गमय- हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो

साँझ ढलते ही दीपों की जगमगाहट से मन में प्रकाश फैल जाता है। शाम सुहानी और रात मस्तानी हो जाती है। जिस त्योहार में उत्सव हो, धूम हो और धमाका हो उस त्योहार के कहने ही क्या। त्योहार होते ही हैं लोगों को जोड़ने और आनंदोत्सव मनाने के लिए।

दीपावली की तैयारी : धनतेरस से ही ‍दीपावली की शुरुआत हो जाती है। मसलन धनतेरस के शुभ मुहर्त में आप दिवाली के लिए कुछ खरीददारी करें। फिर आती है चतुर्दशी। इस दिन दिवाली की पूर्व तैयारी के लिए यम और कृष्ण पूजा होती है, तब दीप जलाने की रस्म शुरू समझो। चतुर्दशी के दिन आप सभी तरह के पकवान बनाना शुरू कर दें। पटाखें फोड़ने की प्लानिंग कर लें। खुद के रूप को और घर के हर कोने को इस तरह सजाएँ कि जब लक्ष्मी आए तो सजावट देखकर दंग रह जाए।

साँझ ढले, तब दीप जले : सुबह उठकर घर को पुन: चकाचक करके फिर स्नान कर, धूप-ध्यान कर घर को सुगंधित वातावरण से सराबोर कर दें। फिर दिवाली की सुबह से ही रंग-बिरंगी रंगोली बनाएँ। लक्ष्मी और गणेशजी की मूर्तियों के समक्ष पूजन की तैयारी करें। रिश्तेदारों और मित्रों को बधाइयाँ देना शुरू करें। लाइटिंग, पटाखें और दीपक की व्यवस्था देख लें तब साँझ ढलने का इंतजार करें। और, जैसे ही साँझ ढले दीपकों को रोशन कर दें। पूजा पश्चात रंग-बिरंगी फुलझड़ियाँ, आतिशबाजियाँ व अनारों के जलने का आनंद लें। पड़ोसियों को बाँटे मिठाइयाँ। बड़ों को चरण स्पर्श और छोटों को गले लगाएँ।

धार्मिक महत्व : प्रकाश पर्व दीपावली उत्सव को मनाने के कई कारण हैं- इसी दिन भगवान राम के वनवास पश्चात घर लौटने की खुशी में अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। हाँ, दीपावली के एक दिन पूर्व अत्याचारी राजा नरकासुर का भगवान कृष्ण ने वध किया था और विष्‍णु ने हिरण्यकश्यप का। दूसरा यह कि जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का निर्वाण भी इसी दिन हुआ था। यह भी कि इसी दिन ही अमृतसर में सन् 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था। और इसी दिन 1619 छठे गुरु हरगोविंदसिंह जेल से रिहा होकर अपने घर पधारे थे।

सावधानी : बच्चों को बचाएँ उन पटाखों से जिनसे खतरा हो। देर रात तक पटाखें न छोड़ें। दीपकों को सुरक्षित स्थान पर रखें जिससे कहीं आग लगने का खतरा न हो। घर में पटाखों को सुरक्षित स्थान पर ही रखें। शुभ दीपावली।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi