सुरेश कलमाडी एक भारतीय राजनीतिज्ञ और वरिष्ठ खेल प्रशासक हैं। वे पूर्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे। फिलहाल वे पुणे से लोकसभा के सदस्य हैं।
पच्चीस अप्रैल, 2011 को सीबीआई ने कलमाडी को गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप थे कि उन्होंने 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए टाइमिंग-स्कोरिंग-रिजल्ट (टीएसआर) सिस्टम के लिए एक स्विस फर्म को अवैध रूप से ठेका दिया था जिससे सरकार को 95 करोड़ का घाटा हुआ है।
गिरफ्तार होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने उनकी सदस्यता को निलंबित कर दिया और उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने के बाद उन्हें इंडियन ओलिम्पिक एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें तिहाड़ जेल में रखा गया था, लेकिन फिलहाल वे जमानत पर रिहा हैं।
सुरेश कलमाडी का जन्म चेन्नई में 1 मई, 1944 को हुआ था और वे 68 वर्ष के हैं। उनकी शिक्षा सेंट विन्सेंट्स हाईस्कूल में हुई थी और बाद में उन्होंने फर्गुसन कॉलेज में शिक्षा पाई। 1960 में उन्होंने नेशनल डिफेंस अकादमी, पुणे में दाखिला लिया था और 1964 में वे जोधपुर और इलाहाबाद के एयर फोर्स फ्लाइंग कॉलेजेस में रहे।
वर्ष 1964 -1972 तक उन्होंने भारतीय वायुसेना की सेवा की। बाद में, एयर फोर्स छोड़कर वे कांग्रेस में शामिल हुए और विभिन्न पदों पर काम करते रहे। इसके अलावा वे पुणे के सबसे अमीर कारोबारियों में से एक हैं। मीरा कलमाडी उनकी पत्नी हैं।
महाराष्ट्र प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहने के बाद वे तीन बार राज्यसभा के लिए चुने गए। 11वीं लोकसभा के लिए वे 1996 में पुणे से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुने गए थे। अभी भी पुणे से लोकसभा सदस्य हैं। पी.वी. नरसिंहराव के के प्रधान मंत्रित्व काल में वे रेलवे राज्यमंत्री रहे थे।
वे इंडियन ओलिम्पिक एसोसिएशन (आईओए) के अध्यक्ष और अक्टूबर, 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स की आयोजन समिति के अध्यक्ष भी थे। 11 अक्टूबर, 2008 को उन्हें पुणे में चौथी बार आईओए का अध्यक्ष चुना गया था। उन्होंने भारत में पहली बार फार्मूला-1 रेस भी कराई थी, लेकिन इसके आयोजन में भी उन पर धोखाधड़ी करने के आरोप हैं। इस मामले में उनके बेटे समीर कलमाडी और उनकी बेटी पायल का भी नाम शामिल रहा है।
कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन के दौरान मुख्य सतर्कता आयोग ने सीबीआई को खेल आयोजन के कुछ पहलुओं की जांच करने को कहा था। इसके बाद कांग्रेस के विरोधी राजनीतिक दलों ने कलमाडी के इस्तीफे की मांग की थी, लेकिन कलमाडी किसी तरह के भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार करते रहे हैं। दस महीने तिहाड़ जेल में बिताने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने 18 जनवरी, 2012 को जमानत पर रिहा किया था।
लंदन ओलिम्पिक खेलों के दौरान उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट से इसके उद्घाटन समारोह में भाग लेने की अनुमति देने की मांग की थी, लेकिन इस पर कहना था कि उनकी मौजूदगी से देश को शर्मिंदा होना पड़ सकता है, इसलिए उन्हें रोका जाता है। जनवरी, 2010 में देश की हॉकी टीम के पूर्व कप्तान परगट सिंह ने कलमाड़ी पर आरोप लगाया था कि वे एक 'खेल माफिया' के हिस्से हैं। - वेबदुनिया.कॉम