सुशील कुमार शिंदे : प्रोफाइल
सुशील कुमार शिंदे एक राजनीतिज्ञ हैं जोकि महाराष्ट्र से हैं। वे मनमोहन सिंह सरकार में गृहमंत्री हैं। इसके अलावा वे लोकसभा में कांग्रेस के नेता भी हैं। यह पद हासिल करने वाले वे पहले दलित नेता हैं और इससे पहले प्रणब मुखर्जी इस पद पर थे।शिंदे का जन्म 4 सितम्बर 1941 को महाराष्ट्र के शोलापुर में हुआ था। उन्होंने दयानंद कॉलेज, शोलापुर से आर्ट्स में ऑनर्स डिग्री ली थी और बाद में शिवाजी यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री भी हासिल की। शिंदे ने अपना करियर शोलापुर सेशन कोर्ट में एक नाजिर के तौर पर शुरू किया था लेकिन बाद में वे राज्य पुलिस में सब इंस्पेक्टर बन गए थे। शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले दलित नेता हैं। शरद पवार के आग्रह पर वे पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आ गए थे।शोलापुर जिले के करमाला से उन्होंने पहली बार विधानसभा का उप चुनाव लड़ा था और वे जीत गए थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीपी नाईक ने उन्हें अपनी सरकार में जूनियर मंत्री बनाया था। बाद में वे फिर से कांग्रेस में आए और नए वसंतराव पाटिल मंत्रीमंडल में वित्तमंत्री बने थे। वर्ष 1978 से 1990 तक वे राज्य विधानसभा के लिए चुनाव जीतते रहे। जुलाई 1992 में वे राज्य से राज्यसभा के लिए चुने गए। वर्ष 2002 में उन्होंने राजग के प्रत्याशी भैरोंसिंह शेखावत के खिलाफ उपराष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा था, लेकिन वे हार गए। बाद में वे आंध्रप्रदेश के राज्यपाल बना दिए गए, लेकिन एक वर्ष बाद ही उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया। 2006 में फिर एक बार राज्यसभा में चुनकर आए और प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता बनाए गए। शिंदे 2006 से 2012 तक उर्जा मंत्री रहे। उनके कार्यकाल में जब उत्तरी भारत का पावर ग्रिड फेल हो गया तो लोगों ने उनकी आलोचना की। इस पर उनका उत्तर था कि अमेरिका और ब्राजील जैसे देशों में भी ग्रिड फेल हो जाते हैं। वे इसके पहले और बाद में भी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए जाने जाते रहे हैं। पुणे में उन्होंने कहा था कि बोफोर्स घोटाले की तरह से लोग कोलगेट घोटाला भी भूल जाएंगे। शिंदे वर्ष 2012 में भारत के गृहमंत्री बनाए गए थे। वे उज्जवला शिंदे से विवाहित हैं और दम्पति की तीन बेटियां हैं। उनकी एक बेटी प्रणीति शिंदे शोलापुर से विधायक हैं।