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कछुआ-कमाई - खरगोश-महंगाई

- महेन्द्र सांघी

हमें फॉलो करें कछुआ-कमाई - खरगोश-महंगाई
प्रश्न : दद्दू, वित्तमंत्री चिदम्बरम आज वर्ष 2013-14 का बजट संसद पटल पर रखने जा रहे हैं। आप उन्हें जनता की और से क्या संदेश देना चाहेंगे?

उत्तर : जरूर...!! अर्ज है कि :

कछुए की तरह रेंग रही है आमजन की कमाई
खरगोश की तरह कुलांचे भर रही है महंगाई
दोनों के बीच का अंतर बढ़ता ही जाता है
ये मुआ खरगोश जरा भी नहीं सुस्ताता है
चुनावी वर्ष में वित्तमंत्री जी से निवेदन है कि
अपने इस खरगोश से कहें कि थोड़ी नींद निकाले
पता है कि कछुआ यह दौड़ नहीं जीत सकेगा मगर
कमा-कमा कर थका वह बेचारा भी तो थोड़ा सुस्ता ले।

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