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ठंड में स्वस्थ बाल चाहें, तो क्या खाएं... पढ़ें आलेख

हमें फॉलो करें ठंड में स्वस्थ बाल चाहें, तो क्या खाएं... पढ़ें आलेख
डॉ. प्रीति सिंह
 
महिलाओं में बालों के झड़ने एवं असमय सफेद होने की समस्या बहुतायत में देखी जा रही है। महिलाओं में इस समस्या का प्रमुख कारण आयरन एवं कैल्शियम की कमी है। प्रायः महिलाएँ पूरे परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान रखने एवं अन्य घरेलू जिम्मेदारियाँ निभाने में इतना उलझ जाती हैं कि वे अपने ही स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाती हैं। परिणामस्वरूप उनके शरीर में आयरन, कैल्शियम जैसे जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। बालों की समस्या वाली महिला रोगियों में प्रायः रक्ताल्पता पाई जाती है। 


 
महिलाओं का हिमोग्लोबीन 12 -12.5 ग्राम प्रतिशत के लगभग होना आवश्यक है। इस स्तर से जरा भी कम होने पर बालों के झड़ने एवं असमय सफेदी की समस्या पाई जा सकती है। रक्ताल्पता की स्थिति में बालों की इन समस्याओं के साथ कम शारीरिक श्रम करने पर भी ज्यादा थक जाना, साँस फूलना, पैरों में खिंचाव, भूख न लगना, चेहरे पर काले धब्बे, आँखों के चारों ओर काले घेरे बनना आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
 
इस समस्या के समाधान हेतु सर्वप्रथम आयरन एवं कैल्शियम की गोलियाँ सही मात्रा में योग्य चिकित्सक के परामर्श से प्रारंभ करें। आयुर्वेद में आयरन एवं कैल्शियमयुक्त ऐसी औषधियाँ उपलब्ध हैं, जो बालों की समस्या पर भी तुरंत असर करती हैं। साथ ही उचित आयुर्वेदिक तेलोंकी सर पर मालिश, जड़ी-बूटी का लेप एवं नस्य (पंचकर्म) के बेहतरीन परिणाम प्राप्त होते हैं। 

नींबू-पानी का सेवन दिन में एक बार अवश्य करें, क्योंकि नींबू में उपस्थित विटामिन 'सी' शरीर में आयरन के अवशोषण में सहायक होता है।

ठंड में पिंड खजूर का प्रतिदिन सेवन करें।

दूधका सेवन महिलाएँ उम्रभर करें।

मूँगफली के सिंके दाने एवं गुड़ का एक टुकड़ा प्रतिदिन लें। ध्यान रखें गुड़ सदैव गहरे भूरे रंग का ही लें। पीले रंग का गुड़ हानिकारक होता है। 
 
भोजन समय पर करें। भोजन में हरी सब्जियाँ पर्याप्त मात्रा में लें। 

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जब रक्ताल्पता लंबे समय तक बनी रहती है तो बालों में बालरहित पैंच बनने भी प्रारंभ हो सकते हैं तथा एकाएक लगभग सारे बाल झड़ भी सकते हैं। इस स्थिति में केश रोग विशेषज्ञ से तुरंत सलाह लें। प्रायः महिलाओं में यह गलतफहमी रहती है कि जिन महिलाओं का वजन ज्यादा है, उनमें खून की कमी हो ही नहीं सकती। यह धारणा पूरी तरह से गलत है। 
 
रक्ताल्पता की स्थिति में भी वजन तेजी से बढ़ता है।

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