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मधुमेह के प्रमुख प्रकार

जानिए, डॉ. संजय गुजराती से

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भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या में चिंताजनक वृद्धि हुई है। आंकड़ों की यह बढ़त आधुनिक जीवन शैली और आहार की अनियमितता की वजह से विकराल हो रही है। डॉ. संजय गुजराती दे रहे हैं पाठकों कडायबिटीज संबंधी प्रश्नों े जवाब। डॉ. गुजराती जानेमाने फीजिशियन और कॉर्डियोलॉजिस्ट हैं। मधुमेह पर उन्हें विशेषज्ञता हासिल है।

मधुमेह कितने प्रकार के होते हैं?

डॉ. संजय गुजराती :

मधुमेह मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं-

इंसुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज मेलिटस (आईडीडीएम या प्रकार 1 मधुमेह)

आमतौर पर यह बचपन या युवावस्था में होता है। सामान्यतया इस तरह के मरीज बहुत पतले होते हैं और किसी वायरल संक्रमण के बाद उनको अचानक यह रोग हो जाता है। कोशिकाएं विकसित करने वाले पैन्क्रिया पहले ही खराब हो चुके होते हैं और इंसुलिन की आवश्यक मात्रा उत्पन्न नहीं कर पाते। इसीलिए इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए इंसुलिन लेना आवश्यक हो जाता है।

नॉन इंसुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज मेलिटस (एनआईडीडीएम या प्रकार 2 मधुमेह)

मधुमेह रोगियों में से लगभग 95 प्रतिशत को प्रकार 2 मधुमेह होता है। इस तरह के लोग मोटे होते हैं और ज्यादातर उनका पेट निकला होता है। उनमें से अधिकतर लोगों का रोग वाला पारिवारिक इतिहास होता है। उनका रोग धीरे-धीरे बढ़ता है और काफी लंबे समय तक लक्षण दिखाई नहीं देते।

उनकी इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाएं शुरू-शुरू में ज्यादा इंसुलिन उत्पन्न करती हैं और इंसुलिन की कमी पूरी करती हैं। लेकिन कुछ समय बाद इंसुलिन उत्पन्न करने वाली कोशिकाएं इंसुलिन बनाना बंद कर देती हैं और मरीज मधुमेह का रोगी बन जाता है, तब उनको अपनी रक्त शर्करा नियंत्रित करने के लिए दवाएं लेना शुरू करनी पड़ती हैं।

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