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पौष्टिक भोजन से बीमारी भगाओ

हमें फॉलो करें पौष्टिक भोजन से बीमारी भगाओ
हमारे बड़े-बुजुर्ग अक्सर खान-पान संबंधी गलत आदतों को लेकर हमें टोकते रहते हैं। जब वे कहते हैं कि अटरम-शटरम की जगह रोटी-सब्जी ज्यादा खाओ तो हमें बुरा लगता है। लेकिन कई वैज्ञानिक शोध अब ये साबित कर रहे हैं कि साबुत अनाज, फल, सब्जियाँ आदि का सेवन कई तकलीफों में राहत पहुँचाने का भी काम करता है। आइए जानें कैसे।

डिप्रेशन
विटामिन फॉलेट या फॉलिक एसिड तथा विटामिन बी-6 की कमी से डिप्रेशन जैसी तकलीफ जुड़ी होती है। यदि आप अपने भोजन में इन्हें शामिल करें तो बहुत हद तक डिप्रेशन के स्तर को कम कर सकते हैं। एवोकाडो (फल), दलिया, संतरा तथा हरी पत्तेदार सब्जियाँ इन दोनों के स्रोत हैं। इसके अलावा ओमेगा-3 फैट्स का सेवन भी डिप्रेशन घटाने में सहायक होता है।

हाई ब्लड प्रेशर
हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को भोजन में नमक की अधिकता से बचना चाहिए। चूँकि फलों व सब्जियों में स्थित पोटैशियम शरीर में अधिक नमक के प्रभाव को संतुलित करता है अतः उन्हें अधिक से अधिक फल-सब्जियों का सेवन करना चाहिए। इसी तरह मैग्नीशियम तथा कैल्शियम भी ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में सहायक होते हैं अतः खाने में इनके स्रोत यानी साबुत अनाज, कद्दू, मूँगफली तथा गिरीदार फल आदि को शामिल करना चाहिए।
  हमारे बड़े-बुजुर्ग अक्सर खान-पान संबंधी गलत आदतों को लेकर हमें टोकते रहते हैं। जब वे कहते हैं कि अटरम-शटरम की जगह रोटी-सब्जी ज्यादा खाओ तो हमें बुरा लगता है। लेकिन कई वैज्ञानिक शोध अब ये साबित कर रहे हैं कि साबुत अनाज, फल, सब्जियाँ आदि का सेवन।      


हृदय रोग
सबसे पहले बुरे कॉलेस्ट्रॉल लेवल में कमी लाने के लिए खाने में तेल-मसालों का प्रयोग कम कर दीजिए। फल-सब्जियाँ खूब खाइए, इनमें उपस्थित विटामिन्स तथा फायटोकेमिकल्स कॉलेस्ट्रॉल के ऑक्सीडेशन पर रोक लगाते हैं जिससे कॉलेस्ट्रॉल के धमनियों में जमने की आशंका कम हो जाती है। भोजन में फाइबरयुक्त पदार्थों की मात्रा बढ़ा दीजिए। इसके लिए फलियों, दालों तथा दलिया, लाप्सी आदि का सेवन ज्यादा कीजिए। ओमेगा-3 फैटी एसिड को भी डाइट में शामिल कीजिए। आप संतुलित मात्रा में चाय (कम शकर, दूध) तथा सोया पदार्थों कासेवन भी कर सकते हैं।

पीएमटी
अर्थात प्री मेंन्स्चुरल टेंशन या मासिक धर्म के पूर्व की तकलीफें अक्सर 'लो ब्लड शुगर लेवल' के कारण बढ़ जाती हैं। इसके लिए आपकी साइकल पूर्ण होने से पहले दो हफ्तों तक आलू जैसी चीजों से बचें तथा दलिया, साबुत अनाज, सलाद आदि के सेवन पर जोर दें। साथ ही विटामिनबी-6, कैल्शियम तथा विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ अर्थात केला, दालें, गिरीदार फल, लो फैट डेयरी प्रॉडक्ट आदि खाने में शामिल करें। हाँ, यहाँ भी नमक के सेवन में कमी रखें।

ऑस्टियोपोरोसि
हड्डियों के लिए सबसे उत्तम है कैल्शियम से भरपूर खुराक। इसके लिए दूध, छाछ, लस्सी तथा संतुलित मात्रा में अन्य डेयरी प्रॉडक्ट्स का सेवन करें। शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने के लिए विटामिन डी भी आवश्यक है, इसके लिए धूप सबसे बढ़िया स्रोत है। साथ ही गिरीदार फल, बादाम, केला, पालक एवं अन्य हरी पत्तेदार सब्जियाँ तथा विटामिन 'के' हेतु ब्रोकोली जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

इन सबके अलावा नियमित व्यायाम, संतुलित दिनचर्या तथा योग को भी जीवन का आवश्यक अंग बनाएँ।

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