Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

मैं वृक्ष हूं

हेमंत गुप्ता 'पंकज'

हमें फॉलो करें मैं वृक्ष हूं
ND


तुम
भटक रहे हो
खाना-बदोश
नीले आकाश के तले
मैं तुम्हारे लिए
बनाऊंगा
एक सुरक्षित घर
स्थायी...


तुम प्यासे हो
मैं तुम्हारी प्यास बुझाऊंगा
तुम भूखे हो
मैं तुम्हारी भूख मिटाऊंगा


तुम दहक रहे हो
दुनियावी दुखों में
मैं तुम्हें शीतलता दूंगा
अपने आँचल की..

तुम ठिठुर रहे हो
मैं तुम्हें गरमाऊंगा
खुद खाक होकर भी
तुम्हें जिन्दगी दूंगा

webdunia
ND

तुम्हारी हर इच्छा को
तृप्त करूंगा
तुम थके हुए हो
जीवन एक अवकाशरहित क्षण
मैं तुम्हें
थपकियां दे-देकर झुलाऊंगा
लोरिया, गा-गाकर सुनाऊंगा
दूंगा एक निश्चिंत नींद
भरपूर
जागरण
ताजगी भरा...

तुम केवल इतना करो
मेरी परवरिश
सुनिश्चित कर दो...

मेरा अस्तित्व
सुरक्षित कर दो

तुम
मानव हो
मैं
वृक्ष हूं

तुम्हारा
कल्पवृक्ष।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi