बाल कांड में हैं प्रभु श्रीराम के पतंग उड़ाने का प्रमाण
रामचरितमानस में है इसके प्रमाण
पतंग' शब्द बहुत प्राचीन है। सूर्य के लिए भी 'पतंग' शब्द का प्रयोग हुआ है। पक्षियों को भी पतंग कहा जाता रहा है। 'कीट-पतंगे' शब्द आज भी प्रयोग में है। संभव है इन्हीं शब्दों से वर्तमान पतंग का नामकरण किया गया हो।
शायद आसमान के नक्षत्र और उड़ते पक्षियों को देखकर मनुष्य के मन में कुछ उड़ाने की प्रेरणा मिली हो। संभव है इसी से पतंग का सामंजस्य बिठाया गया होगा। कुछ भी हो, पतंग उड़ाने की प्रथा प्राचीन होते हुए भी सार्व-देशीय भी है। भारत में तो इसे परंपरागत रूप से उड़ाया जाता है। मलेशिया, जापान, चीन, थाईलैंड, वियतनाम आदि देशों में भी पतंग उड़ाई जाती है।