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आज के शुभ मुहूर्त

(चतुर्दशी तिथि)
  • तिथि- वैशाख कृष्ण चतुर्दशी
  • शुभ समय-10:46 से 1:55, 3:30 5:05 तक
  • व्रत/मुहूर्त- श्राद्ध अमावस्या, रवींद्रनाथ टैगोर ज.
  • राहुकाल- दोप. 3:00 से 4:30 बजे तक
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प्रेरणास्रोत हैं हनुमानजी

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यदि किसी भी कार्य का प्रारंभ हनुमानजी जी की सन्निधि में होता है तो वह निर्विघ्न संपन्न होता है। मंगल कामना से प्रारंभ किया कार्य सुमंगल होता चला जाता है। हम सेवा, समर्पण और भक्ति के मार्ग पर चलकर अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं।

इसी तरह हनुमानजी की उपासना में 'मंगल भवन अमंगल हारी, कबहु सो दशरथ अजिर बिहारी', एवं 'नासै रोग हरै सब पीरा, जो सुमिरे हनुमत बलबीरा' सहित अनेक संपुटों का पाठ करना तुरंत फलदायी होता है।

जीवन के हर क्षेत्र में सफलता का महामंत्र आधुनिक दृष्टि से हनुमानजी द्वारा ही प्रतिपादित है। गीता में कर्मयोग का संदेश अहम है और निष्काम कर्तव्य कर्म की मिसाल है हनुमानजी। यह सभी के प्रेरणास्रोत हैं।

हमारे जीवन में हनुमान चालीसा शक्ति कवच की तरह काम करता है। बल, विद्या, बुद्घि की आवश्यकता हर मनुष्य को अपने जीवन को सफल बनाने हेतु जरूरी होती है और वह प्राप्त होती है हनुमानजी की आराधना-साधना और कृपा दृष्टि से। इसलिए बल, बुद्धि और विद्या की प्राप्ति करने के लिए हनुमान जी की आराधना महत्वपूर्ण है। इन सबमें चालीसा का उच्चारण हमें बल और शक्ति प्रदान करता है।

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किसी भी कार्य को करने के लिए धैर्य का बहुत बड़ा महत्व होता है। धैर्यवान होने के लिए शरीर में पर्याप्त बल, विद्या का प्रभाव एवं विवेक बुद्धि का होना परम आवश्यक है। श्री हनुमान जी की आराधना से इनकी सहज प्राप्ति हो जाती है।

वर्तमान समय में लोग तुरंत लाभ प्राप्त करने के लिए मनमानी उपासनाएं करने लगे हैं, जो ठीक नहीं है। मनमानेपन से जीवन में भटकाव ही मिलता है। हनुमान जी सात चिरजीवियों में से हैं। जो भी मनुष्य भक्ति भावना के साथ समर्पित भाव से बजरंगबली की आराधना करते हैं, उनके जीवन में किसी भी वस्तु का अभाव नहीं रहता।

संकटमोचक हनुमानाष्टक का पाठ : मंगलवार के दिन स्नान के बाद अपने पूजा स्थान में हनुमान जी के श्रीविग्रह के सामने घी का दीपक जलाएं और संकटमोचक हनुमानाष्टक का जाप करें। ऐसा 11 मंगलवार नियमित रूप से करें। पूजा के बाद गुड़ व चने गरीब, गाय या बंदर को खिला दें अवश्य लाभ प्राप्त होगा।

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